हज के 3 मुख्तलिफ तरीके ( 3 Different Types of Hajj Hindi )
हज के तीन मुख्तलिफ तरीके है ( 3 Different Types of Hajj Hindi )
- हज-उल-इफराद
- हज-उल-क़िरान
- हज-उल-तमत्तु
हज्जुल इफराद क्या है? ( 3 Different Types of Hajj Hindi )
हज ए इफराद में सिर्फ हज किया जाता है जिसमे उमराह साथ में करना शामिल नहीं होता है । मीक़ात , हरम और जेद्दाह में रहने वाले मुसलमान हज ए इफराद अदा करते है । हज ए इफराद में हाजियों को क़ुरबानी करना जरुरी नहीं , लेकिन अगर कोई क़ुरबानी करवाना चाहे तो करवा सकता है ।
हज उल क़िरान क्या है? ( 3 Different Types of Hajj Hindi )
हज-उल-क़िरान, मस्जिद अल हरम याने मक्का शहर से दूर रहने वाले मुसलमानो के लिए हज करने का बेहतरीन तरीका है जिसमे हाजी, हज और उमराह दोनों एक साथ अदा कर सकते है। हज-उल-क़िरान करने वाले हाजियों को केरिन पुकारा जाता है । जो हज और उमराह दोनों एक साथ करने की नियत से एहरम की हालत में दाखिल होते है ।
हज-उल-क़िरान में हाजी पहले उमराह करते है और फिर हज पूरा करते है । ऐसा करने के लिए हाजी बिना एहरम की हालत से बहार आये उमराह और हज पूरा करते है और उसके बाद ही एहरम की हालत से बाहर आते है। हज-उल-क़िरान में हाजियों को क़ुरबानी करना जरुरी होता है ।
हज उल तमत्तु क्या है? ( 3 Different Types of Hajj Hindi )
हज-उल-तमत्तु हज का तीसरा तरीका है जिसे अदा करने वाले हाजियों को मुतमत्ति कहा जाता है । इसमें भी हाजियों को पहले उमराह और फिर हज करना होता है , जिसे पूरा करने के लिए एक ही एहरम की हालत में रहना जरुरी नहीं , याने हाजी उमराह के बाद एहरम की हालत से बाहर आ सकते है और फिर एहरम की हालत में दाखिल होकर हज पूरा कर सकते है।
हज-उल-तमत्तु करने वाले हाजी , पहले उमराह करने के लिए नियत करके एहरम में दाखिल होते है और फिर हज की नियत करके एहरम की हालत में दोबारा दाखिल होते है। हज-उल-क़िरान की तरह हज-उल-तमत्तु में भी हाजियों को क़ुरबानी करना जरुरी होता है ।
जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे – आमीन ।
होम पेज – https://islamicknowledgehindi.com/
हमारे यूट्यूब पेज को चेक करें ( DoFollow ) – https://www.youtube.com/@DaastanByJafar
__PRESENT
__PRESENT
__PRESENT
__PRESENT
__PRESENT