सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ़्ती (2025 New Grand Mufti of Saudi Arabia – Shocking Change)

सऊदी अरब के ग्रैंड मुफ़्ती (2025 New Grand Mufti of Saudi Arabia – Shocking Change)

सऊदी अरब में ग्रैंड मुफ़्ती इस्लामी शरीअत का सबसे बड़ा रहनुमा और मुफ़स्सिर माना जाता है। यह मुल्क में फतवा (धार्मिक फ़ैसले) जारी करने, शरीअत की तफ़सीर करने और अदालतों व क़ाज़ियों को रहनुमाई देने का सबसे बड़ा मरकज़ी पद है।

New Grand Mufti of Saudi Arabia

ग्रैंड मुफ़्ती की सरबराही में जनरल प्रेसीडेंसी ऑफ़ स्कॉलरली रिसर्च एंड इफ्ता (الرئاسة العامة للبحوث العلمية والإفتاء) काम करती है।

इतिहास ( New Grand Mufti of Saudi Arabia )

  • 1953 में किंग अब्दुल अज़ीज़ ने इस पद को क़ायम किया।

  • शुरुआत से ही यह ज़िम्मेदारी आल-शैख़ (Muhammad bin Abdul Wahhab की औलाद) के पास रही।

  • वजह यह थी कि 1744 में आल सऊद और आल शैख़ के बीच एक समझौता हुआ था —

    • आल सऊद = सियासी रहनुमाई

    • आल शैख़ = दीन की रहनुमाई

  • इस तरह ग्रैंड मुफ़्ती का पद आल-शैख़ ख़ानदान की अमानत बन गया ।

मौजूदा ग्रैंड मुफ़्ती (2025) – शैख़ सालेह बिन अब्दुल्लाह अल-हुमैद ( New Grand Mufti of Saudi Arabia )

  • ताज़ा नियुक्ति: 23 सितम्बर 2025 को शैख़ सालेह बिन अब्दुल्लाह अल-हुमैद को सऊदी अरब का नया ग्रैंड मुफ़्ती बनाया गया।

  • जन्म: 1949 में अल-बुक़ैरिया, क़सीम (Saudi Arabia) में।

  • तालीम: उम्म-अल-क़ुरा यूनिवर्सिटी (मक्का) से शरिया में ग्रेजुएशन, फिक़्ह और उसूल-ए-फ़िक़्ह में M.A. और फिर Ph.D.।

  • ख़िदमत:

    • कई दशकों तक मस्जिद अल-हरम (मक्का) के इमाम और ख़तीब।

    • सऊदी शूरा कौंसिल (Majlis al-Shura) के सदस्य (1993 से)।

    • इंटरनेशनल इस्लामिक फिक़्ह अकादमी, जेद्दा के सदर।

  • एवार्ड: 2016 में किंग फ़ैसल इंटरनेशनल प्राइज़ फॉर सर्विस टू इस्लाम

ख़ास बात ( New Grand Mufti of Saudi Arabia )

  • शैख़ सालेह बिन हुमैद आल-शैख़ परिवार से ताल्लुक़ नहीं रखते

  • यह पहली बार हुआ कि ग्रैंड मुफ़्ती का पद मुहम्मद  बिन  अब्दुल  वह्हाब  की औलाद के बाहर किसी को मिला।

  • यह एक ऐतिहासिक तब्दीली है, जो दिखाती है कि सऊदी अरब अब वंशानुगत के बजाय ज़्यादा संस्थागत और शैक्षिक स्कॉलरशिप को अहमियत दे रहा है।

दिलचस्प तथ्य Interesting Facts ( New Grand Mufti of Saudi Arabia )

  1. ग्रैंड मुफ़्ती का पद 70+ साल से सऊदी के धार्मिक निज़ाम का सबसे ऊँचा दर्जा माना जाता है।

  2. आल-शैख़ परिवार और आल-सऊद का गठबंधन सऊदी अरब की बुनियाद बना।

  3. ग्रैंड मुफ़्ती रोज़मर्रा के मसाइल से लेकर हज और उमराह तक हर मामले में फ़तवा जारी करते हैं।

  4. मौजूदा मुफ़्ती शैख़ सालेह बिन हुमैद कई बार मस्जिद अल-हरम से ख़ुत्बा (خطبة) देते रहे हैं, जिन्हें दुनिया भर के मुसलमान सुनते हैं।

  5. यह पहला मौक़ा है जब ग्रैंड मुफ़्ती आल-शैख़ ख़ानदान से बाहर है — यानी यह एक बड़ा ऐतिहासिक मोड़ है।

  6. यह एक historical shift है — 250 साल से चली आ रही परंपरा में बदलाव।

यह पूरा सफ़र दिखाता है कि सऊदी अरब में दीन और सियासत का रिश्ता कितना गहरा है, और किस तरह अब यह सिस्टम धीरे-धीरे तब्दील हो रहा है।

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5 FAQ ( New Grand Mufti of Saudi Arabia )

Q1: सऊदी अरब में ग्रैंड मुफ़्ती कौन होता है?
यह देश का सबसे बड़ा इस्लामी रहनुमा और फतवा देने वाली उच्च धार्मिक अथॉरिटी होती है।

Q2: ग्रैंड मुफ़्ती का पद कब शुरू हुआ?
1953 में किंग अब्दुल अज़ीज़ ने इस पद को स्थापित किया था।

Q3: क्या हर बार ग्रैंड मुफ़्ती “आल-शैख़” परिवार से ही बने हैं?
हाँ, 2025 तक लगभग सभी “आल-शैख़” परिवार से ही रहे। लेकिन 2025 में पहली बार यह परंपरा टूटी।

Q4: मौजूदा ग्रैंड मुफ़्ती कौन हैं?
23 सितम्बर 2025 को शैख़ सालेह बिन अब्दुल्लाह अल-हुमैद को नया ग्रैंड मुफ़्ती नियुक्त किया गया।

Q5: शैख़ सालेह बिन हुमैद की खासियत क्या है?
वे मस्जिद अल-हरम के इमाम और ख़तीब, शूरा कौंसिल के सदस्य और अंतर्राष्ट्रीय इस्लामी फिक़्ह अकादमी के अध्यक्ष रह चुके हैं।

जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे  – आमीन ।

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