कफ़न में कितने कपडे होने चाहिए ( Kafan Cloth In Islam in Hindi 3 & 5 pieces)
इस्लाम में इंसान की मौत के बाद उसके साथ सबसे पहला अमल ग़ुस्ल, कफ़न और जनाज़े की नमाज़ है। कफ़न (shroud) एक बहुत अहम सुन्नत अमल है, जो सीधे तौर पर हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम की तालीमात और सुन्नत से साबित है।
मर्द का कफ़न (Sunni Male Kafan) ( Kafan Cloth In Islam in Hindi )
मर्द के लिए कफ़न 3 सफ़ेद कपड़ों से तैयार किया जाता है –
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इज़ार (Izar / Body wrap): कमर से पाँव तक ढकने वाली चादर।
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क़मीस (Qamees / Shirt): आस्तीन-रहित कपड़ा, जो कंधों से आधे पाँव तक जिस्म को ढकता है।
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लिफ़ाफ़ा (Lifafah / Outer sheet): बड़ी चादर जो पूरे जिस्म को ढक लेती है और सिर व पाँव पर बाँधी जाती है।
औरत का कफ़न (Sunni Female Kafan)( Kafan Cloth In Islam in Hindi )
औरत के लिए कफ़न 5 कपड़ों से तियार किया जाता है:
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क़मीस (Qamees): कंधों से पाँव तक ढकने वाली लिबास।
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इज़ार (Izar): कमर से पाँव तक ढकने वाली चादर।
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खिमार (Khimar / Head veil): सिर को ढकने वाला दुपट्टा या कपड़ा।
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ख़िर्क़ा या सीनाबन्द (Khirqa / Chest wrap): सीने पर बाँधा जाने वाला कपड़ा।
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लिफ़ाफ़ा (Lifafah): पूरी बॉडी को ढकने वाला आख़िरी कपड़ा।
आम अहकाम – मर्द व औरत दोनों के लिए ( Kafan Cloth In Islam in Hindi )
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रंग और मवाद (Material): सफ़ेद, सादा, सस्ता और कपास का कपड़ा अफ़ज़ल है।
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मना की गई चीज़ें: मर्द के लिए रेशम और सोने वाले कपड़े हराम हैं। औरतों के लिए भी फ़ुज़ूल-ख़र्ची से बचना चाहिए।
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पाकीज़गी (Purity): कपड़े पाक और साफ़ हों।
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ख़ुशबू (Scent): कफ़न और जिस्म पर कपूर (camphor) या गैर-अल्कोहली इत्र लगाया जाता है।
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बाँधना (Fastening): कफ़न को सिर और पाँव पर ढीले तौर पर पट्टियों से बाँधा जाता है, जिन्हें क़ब्र में खोल दिया जाता है।
कुरआन से दलीलें ( Kafan Cloth In Islam in Hindi )
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सूरत अल-हज्ज (22:32):
“और जिसने अल्लाह की निशानियों की ताज़ीम की, तो ये दिलों की परहेज़गारी से है।”
यानी कफ़न में सादा और पाक कपड़े का इस्तेमाल अल्लाह की निशानियों की ताज़ीम है। -
सूरत अल-आराफ़ (7:26):
“ऐ आदम की औलाद! हमने तुम्हारे लिए लिबास उतारा ताकि तुम अपनी शर्मगाह छुपाओ और शोभा का सामान हो। परहेज़गारी का लिबास इससे बेहतर है।”
इस आयत से इशारा मिलता है कि इंसान को मौत के बाद भी कपड़े (कफ़न) से ढकना उसकी इज़्ज़त है।
हदीस से दलीलें ( Kafan Cloth In Islam in Hindi )
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हज़रत अब्दुल्लाह बिन अब्बास (रज़ि) फ़रमाते हैं –
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया –
“सफेद कपड़े पहनाओ और अपने मर्दों को उन्हीं में कफ़न दो।”
— [सहीह अबू दाऊद: 4061, तिरमिज़ी: 994] -
हज़रत आइशा (रज़ि) बयान करती हैं –
“रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम को तीन सफेद यमनी कपड़ों में कफ़न दिया गया, जिनमें न क़मीस था और न ही पगड़ी।”
— [सहीह बुख़ारी: 1264, सहीह मुस्लिम: 941] -
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया –
“तुम अपने मुर्दों को अच्छे कपड़ों में कफ़न दो, क्योंकि वे उन्हीं में अपनी कब्रों में मिलेंगे।”
— [मुसनद अहमद: 23512]
5 आम पूछे जाने वाले सवाल (FAQ) ( Kafan Cloth In Islam in Hindi )
Q1. मर्द और औरत के कफ़न में फर्क क्यों है?
औरत की हया और पर्दा की वजह से पाँच कपड़े रखे गए हैं, जबकि मर्द के लिए तीन काफ़ी हैं।
Q2. क्या कफ़न महंगा होना चाहिए?
नहीं, इस्लाम सादगी पर ज़ोर देता है। कफ़न सादा और सफेद होना अफ़ज़ल है।
Q3. क्या कफ़न में रेशम इस्तेमाल कर सकते हैं?
मर्दों के लिए रेशम हराम है, और औरतों को भी बचना चाहिए।
Q4. क्या कफ़न में इत्र लगाना सुन्नत है?
जी हाँ, कपूर और इत्र का इस्तेमाल हदीस से साबित है।
Q5. क्या कफ़न में कपड़े की गिनती कम या ज़्यादा कर सकते हैं?
ज़रूरत पड़ने पर कम किया जा सकता है, लेकिन सुन्नत यही है कि मर्द के लिए 3 और औरत के लिए 5 कपड़े हों।
जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे – आमीन ।
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