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इस्लाम के पहले चार खलीफा ख़ुलफ़ा-ए-राशिदीन ( The Great Khulfa e Rashideen First 4 khalifa of islam Hindi )

इस्लाम के पहले चार खलीफा ख़ुलफ़ा-ए-राशिदीन ( Khulfa e Rashideen First 4 khalifa of islam Hindi )

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इस्लामी तारीख़ में नबूवत ए रसूल सल्लाहुअलय्हिवसल्लम के बाद, सबसे रौशन और पाक़ दौर वह था जब हज़रत मुहम्मद सल्लाहुअलय्हिवसल्लम के विसाल के बाद चार ख़ुलफ़ा-ए-राशिदीन ने इस्लामी उम्मत की रहनुमाई की। इन चारों खलीफाओं  को “ख़ुलफ़ा-ए-राशिदीन” (Rightly Guided Caliphs) कहा जाता है। ये चार ख़ुलफ़ा याने खलीफा थे –

  1. हज़रत अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ि.

  2. हज़रत उमर इब्न ख़त्ताब रज़ि.

  3. हज़रत उस्मान बिन अफ़्फ़ान रज़ि.

  4. हज़रत अली इब्न अबी तालिब रज़ि.

इनका दौर इस्लाम की तामीर और तौसीअ (Expansion) का सुनहरा दौर था।

1. हज़रत अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ि. (Khulfa e Rashideen First 4 khalifa of islam Hindi)

ख़िलाफ़त का दौर: 632–634 CE (2 साल 3 महीने)

  1. हज़रत अबू बक्र रज़ि. पहले ख़लीफ़ा थे , आप रसूलुल्लाह सल्लाहुअलय्हिवसल्लम की पसंद और सहाबियों में अव्वल रहे

  2. आपको “सिद्दीक़” (सच्चे) का लक़ब नबी करीम सल्लाहुअलय्हिवसल्लम ने दिया।

  3. आपकी खिलाफत के खाश काम – 

2. हज़रत उमर इब्न ख़त्ताब रज़ि. (Khulfa e Rashideen First 4 khalifa of islam Hindi)

ख़िलाफ़त का दौर: 634–644 CE (10 साल)

3. हज़रत उस्मान बिन अफ़्फ़ान रज़ि. (Khulfa e Rashideen First 4 khalifa of islam Hindi)

ख़िलाफ़त का दौर: 644–656 CE (12 साल)

4. हज़रत अली इब्न अबी तालिब रज़ि. (Khulfa e Rashideen First 4 khalifa of islam Hindi)

ख़िलाफ़त का दौर: 656–661 CE (5 साल)

ख़ुलफ़ा-ए-राशिदीन की अहमियत (Khulfa e Rashideen First 4 khalifa of islam Hindi)

रसूलुल्लाह सल्लाहुअलय्हिवसल्लम ने फ़रमाया –  “मेरे बाद 30 साल तक ख़िलाफ़त रहेगी, फिर बादशाही का निज़ाम आ जाएगा।” (अबू दाऊद, हदीस: 4646)

ख़ुलफ़ा-ए-राशिदीन  से जुड़े वीडियो – 

HAZRAT UMAR IBN AL KHATTAB KA INSAAF OR JERUSALEM

नबी ने 4 खलीफाओं के बारे में क्या कहा?

HAZRAT USMAN GANI | OSMAN GANI

पहले 4 खलीफा राशिदुन क्यूं कहलाये? Why first 4 caliphs called Rashidun rightly guided?

इस्लामी ख़िलाफ़त की पहली दारुल हुकूमत First Capital of Khilafat E Rashideen

अरब बादशाह और खलीफा उमर र. | HAZRAT UMAR BIN KHATTAB KI TAQAT

ख़िलाफ़त का आगाज़ और इस्लामी फ़ोज़ | KHILAFAT KA AAGAZ OR ISLAMI FOZ

FAQs  – 

Q1. ख़ुलफ़ा-ए-राशिदीन कौन हैं और उन्हें ये लक़ब क्यों दिया गया?

A1. ख़ुलफ़ा-ए-राशिदीन उन चार खलीफ़ाओं को कहा जाता है जो हुज़ूर-ए-अकरम ﷺ के विसाल के बाद उम्मत की रहनुमाई पर फ़ाइज़ हुए। ये थे –

  1. हज़रत अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ि.,

  2. हज़रत उमर फ़ारूक़ रज़ि.,

  3. हज़रत उस्मान ज़ुन-नूरैन रज़ि.,

  4. हज़रत अली अल-मुर्तज़ा रज़ि.

उन्हें “राशिदीन” इसलिए कहा गया क्योंकि आपको खुद रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम से रहनुमाई मिली । राशिदीन के मायने है सही रास्ते में चलने वाले ।

Q2. सबसे ज़्यादा अरसे तक किस खलीफ़ा ने हुकूमत की?

A2. सबसे लंबी मुद्दत तक हुकूमत करने वाले ख़लीफ़ा हज़रत उस्मान बिन अफ़्फ़ान रज़ि. थे। आपने तक़रीबन 12 साल तक ख़िलाफ़त की। आपके दौर में क़ुरआन की आधिकारिक तद्वीन हुई और इस्लामी फ़ौजों ने कई इलाक़े फ़त्ह किए।

Q3. हज़रत अली रज़ि. का दौर सबसे चैलेंजिंग क्यों था?

A3. हज़रत अली रज़ि. का दौर सियासी और इख़्तिलाफ़ी मसाइल से भरा हुआ था। जंग-ए-जमल और सिफ़्फ़ीन जैसी लड़ाइयों के अलावा ख़वारिज़ जैसे फिरक़ों से भी मुकाबला करना पड़ा। इसके बावजूद आपने हिकमत और बहादुरी से उम्मत की रहनुमाई की।

Q4. क्या इन चारों खलीफ़ाओं का ज़िक्र हदीस में आता है?

A4. जी हां,  रसूलुल्लाह सल्लाहुअलय्हिवसल्लम ने इन चारों खलीफ़ाओं की फ़ज़ीलत बयान की है। एक मशहूर हदीस में फ़रमाया – “मेरे बाद ख़िलाफ़त 30 साल रहेगी, फिर बादशाही का निज़ाम होगा.” (अबू दाऊद, हदीस: 4646)

इस हदीस की तशरीह में उलेमा ने इन चारों को ‘ख़ुलफ़ा-ए-राशिदीन’ कहा है।

Q5. क्या इन खलीफ़ाओं का दौर आज के लिए कोई सीख रखता है?

A5. बिल्कुल। इनका दौर अमन, अद्ल, पारदर्शिता और दीनी हुकूमत की बेहतरीन मिसाल है। आज की दुनिया में इनकी हुकूमत से इंसाफ़, शफ़्फ़ाफ़ी और उम्मत की भलाई के उसूल सीखे जा सकते हैं।

जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे  – आमीन ।

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