मस्जिद मशर अल हरम ( Masjid Mashar al haram Hindi )
अल हरम याने मुक़द्दस मक़ाम , मस्जिद मशर अल हरम दीन ए इस्लाम का एक मुक़द्दस मक़ाम है जिसका इल्म अल्लाह सुब्हानवताला ने क़ुरान की सूरह बक़रह में नाज़िल किया । ये एक ऐसा मक़ाम है जहां रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने हज अल वदा के वक़्त वक़्त गुज़ारा और अपने रब अल्लाह सुब्हानवताला से दुआ की ।
मीना और अराफात की वादी के बीच, मस्जिद मशर अल हरम, मुज़दलिफा में मौजूद है ।
क़ुरान में मस्जिद मशर अल हरम का इल्म ( Quran About Masjid Mashar Al haram Hindi )
क़ुरान की सूरह बक़रह में अल्लाह सुब्हानवताला ने फ़रमाया – जब तुम अराफात से उतरो , तो मुक़द्दस मक़ाम से रब की हम्दोसना करो , रब की शान बयां करो जिसने तुम्हे रास्ता दिखाया । हलाकि इससे पहले तुम गुमराह हो गए थे। – सूरह बक़रह अयाह 198
रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने उम्मत को उस जगह का इल्म दिया – ” मस्जिद मशर अल हरम ” जिसका हुकुम अल्लाह सुब्हानवताला ने क़ुरान में दिया था।
मस्जिद मशर अल में रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ( Prophet Muhammad saw at Masjid Mashar Al haram Hindi )
मशर अल हरम मुजदलिफा का एक हिस्सा है । जो मीना की मस्जिद ए खैफ और अराफात की मस्जिद ए निम्रा के बीच मौजूद है ।
हज़रते जाबिर रदिअल्लाहु ताला अन्हु ने फ़रमाया – रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने मुजदलिफा में रात गुज़ारी और फिर फज़र की नमाज़ अदा करने के बाद , अपनी उठनी पर सवार होकर मशर अल हरम के मक़ाम पर पहुंचे । सवारी से उतारकर आपने अपना रुख क़िबला की तरफ करने के बाद दुआ की – और अल्लाह सुब्हानवताला के एक होने और रब की शान पर खुत्बा दिया ।
मौजूदा मस्जिद मशर अल हरम ( Masjid Mashar Al haram Hindi )
मौजूदा वक़्त में मस्जिद मशर अल हरम में तकरीबन 12,000 इबादतगुज़ार एक साथ इबादत कर सकते है । मीना की मस्जिद ए खैफ से इसकी दूरी तकरीबन 5 किलोमीटर और अराफात की मस्जिद ए निम्रा से 7 किलोमीटर दूर है।
जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे – आमीन ।
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