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हज के दौरान शैतान को 7 कंकर मारने की रिवायत ( 3 Stone pillars At Jamarat mina valley – Stoning of Satan During Hajj Hindi )

हज के दौरान शैतान को 7 कंकर मारने की रिवायत ( 3 Stone pillars At Jamarat mina valley – Stoning of Satan During Hajj Hindi )

 

 

 

 

 

शैतान को कंकर मारने की रिवायत जुल हिज़्ज़ा के महीने में हज के वक़्त की जानी वाली खास रिवायतों में से एक है। इस रस्म में मुसलमान मक्का के मीना शहर में  मौजूद तीन खम्बो में कंकर मारते है जिन्हे जमरात कहा जाता है और इस रिवायत को रमी

जमरात क्या है और कहाँ मौजूद है ? ( what is Jamarat – Stoning of Satan During Hajj Hindi )

सऊदी अरब के टेंट सिटी मीना में मौजूद 3 पत्थर की दीवार के खम्बे है जिन्हे जमरात के नाम से जाना जाता है । ये वही जगह है जहां नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम को शैतान उस वक़्त मिला था जब नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम अल्लाह सुब्हानवताला के हुकुम से अपने बेटे नबी इस्माइल अलैहिस्सलाम को अल्लाह की राह में क़ुर्बान करने जा रहे थे। शैतान 3 बार हाज़िर हुआ था और अपने वस्वसे से नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम को बरगलाने की कोशिश की थी। इन्ही 3 जगहों पर ये 3 खम्बे मौजूद है ।

पहला खम्बा – जमारह अल उला , सबसे छोटा खम्बा

दूसरा खम्बा – जमारह अल वुस्ता , बीच में मौजूद खम्बा

तीसरा खम्बा – जमारह अल कुबरा या जमारह अल अकाबह , सबसे बड़ा और आखिर में मौजूद खम्बा

 

 

 

 

 

 

 

जमारह एक अरबी ज़बान का लफ्ज़ है जिसके मायने है “कंकर” , आज के वक़्त में इसके मायने “शैतान को कंकर मारना ” समझा जाता है ।

जमरात का वाक़्या ( Story of  Stoning the devil  – Stoning of Satan During Hajj Hindi )

जमरात में मौजूद 3 खम्बो में कंकर मारना नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत का हिस्सा है। जब नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम अल्लाह सुब्हानवताला के हुकुम को पूरा करने के लिए अपने बेटे नबी इस्माइल के साथ जा रहे थे तो शैतान ने 3 बार कोशिश की थी नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम को बरगलाने की।

जब पहली बार शैतान आपके सामने हाज़िर हुआ तो आपको अल्लाह सुब्हानवताला की राह में बेटे को कुरबान करने की नियत से बरगलाने की कोशिश की । हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम आपके पास आये और शैतान को कंकर मारने का इल्म दिया । नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने शैतान को 7 कंकर मारे जिससे वह भाग गया। पहली बार में शैतान ने बहुत कम कोशिश की थी, नबी को अल्लाह की राह से बरगलाने की। 

दूसरी बार फिर तकरीबन 150 मीटर की दूरी पर शैतान आपके पास आया और हज़रते हाज़रा की एकलौते बेटे से मुहब्बत का हवाला देने की कोशिश करने लगा और आपको अल्लाह के हुकुम से बरगलाने की पूरी कोशिश की । हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया – ” उसे मारो ” और नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने शैतान को 7 कंकर मारे जिससे वह फिर भाग गया ।

तीसरी मर्तबा फिर शैतान तकरीबन 120 मीटर की दूरी पर आपके पास आया और एक बूढ़े बाप की एकलौती औलाद से मुहब्बत और बुढ़ापे का सहारा जैसी बातो का हवाला देने लगा और पूरा ज़ोर लगा दिया ताकि आप अल्लाह के हुकुम से पीछे हट जाए । नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम अल्लाह सुब्हानवताला के हुकुम से किसी सूरत में पीछे नहीं हटे। हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम ने फिर फ़रमाया – ” उसे मारो ” और नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने शैतान को 7 कंकर मारे जिससे वह फिर भाग गया । 

रमी अल जमारात सुन्नत किस दिन अदा होती है ( Days of Rami al Jamarat  – Stoning of Satan During Hajj Hindi )

हज़रते जाबिर इब्न अब्दुल्लाह रदिअल्लाहु ताला अन्हु से रिवायत है – रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने जमारात में सूरज उगने के बाद यौम ए नहर और उसके बाद  ज़ुल हज्जाह की 11, 12, 13 तारीख को जब सूरज डूब चूका था , कंकर मारे थे।

यौम ए नहर के दिन जमारह अल अकाबा याने बड़े खम्बे में कंकर मारे जाते है ।  याने हज के तीसरे या ज़ुल हज्जाह की 10 तारीख को। बाकि 2 खम्बो में इस दिन कंकर नहीं मारे जाते है।

यौम ए तशरीक़ ज़ुल हज्जाह की 11, 12, 13 तारीख याने हज के 4,5 और 6 वे दिन तीनो खम्बो में कंकर मारे जाते है।

जमरात ब्रिज ( Jamarat bridge – Stoning of Satan During Hajj Hindi )

सऊदी हुकूमत ने पैदल हाजियो के लिए जमरात ब्रिज बनवाया, जो की तीनो खम्बो को जोड़ता है । हज के दौरान रामी की रस्म करते वक़्त हाजी इस पुल से होते हुए या फिर पुल के नीचे से तीनो खम्बो पर कंकर मारने की रस्म अदा करते है । तकरीबन 1 लाख लोग इस पुल से एक बार में ये रस्म अदा कर सकते है ।

क्या जमरात के खम्बो में शैतान कैद है ? ( devil pillars – Stoning of Satan During Hajj Hindi )

जमरात में मौजूद खम्बो को कंकर मारना नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है कोई असल शैतान इसमें कैद नहीं है । हाजियो का 3 खम्बो में 7-7 कंकर मारने का अमल असल में रब के हुकुम को शैतानी वस्वसे और नफ़्स से ऊपर रखने का अमल है । जैसा नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने किया ।  ये कोई शैतान को मारने का अमल नहीं है ।

जज़ाकल्लाह खैर।

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