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4 खाश सहाबा जो कुरआन के इल्म में माहिर थे (The 4 experts on Quran among the Sahabah – Authentic Details in Hindi)

4 खाश सहाबा जो कुरआन के इल्म में माहिर थे (The 4 experts on Quran among the Sahabah)

 

 

 

 

इस्लाम की तालीम और हिदायत का सबसे बड़ा ज़रिया कुरआन-ए-हकीम है। हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम के सहाबा ( रदियल्लाहुताला अन्हु ) ने कुरआन की तिलावत, हिफ़्ज़, तफ़सीर और तालीम को आगे बढ़ाने में अहम किरदार अदा किया। इनमें से चार सहाबा ऐसे थे जिन्हें कुरआन का गहरा इल्म, हिफ़्ज़ और तफ़सीर की महारत हासिल थी। ये हैं-

1. हज़रत अब्दुल्लाह इब्न मस’ऊद रदि.(The 4 experts on Quran among the Sahabah)

हज़रत इब्न मस’ऊद रदि. इस्लाम के शुरुआती दीनदार सहाबा में से थे। वे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम के क़रीबी शागिर्द और कुरआन के बड़े आलिम माने जाते हैं। नबी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने उनके बारे में फ़रमाया कि “जिसे कुरआन ताज़ा-तरीन रूप में सुनना हो, वह इब्न मस’ऊद से सुने।”

मुख्य तथ्य:

2. हज़रत उबै्य इब्न कअब रदि.(The 4 experts on Quran among the Sahabah)

हज़रत उबै्य इब्न कअब को कुरआन का “सैय्यदुल-कुर्रा” (श्रेष्ठ क़ारी) कहा जाता है। वे कुरआन के बेहतरीन हाफ़िज़ और मुकर्रिर थे। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने उनकी तिलावत की तारीफ़ की और उन्हें उम्मत के बेहतरीन क़ारियों में शुमार किया।

मुख्य तथ्य:

3. हज़रत अब्दुल्लाह इब्न अब्बास रदि.(The 4 experts on Quran among the Sahabah)

हज़रत इब्न अब्बास को “तरजुमानुल-कुरआन” यानी कुरआन के व्याख्याता कहा जाता है। वे रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम के चचेरे भाई और बहुत कम उम्र में भी कुरआन की गहरी समझ रखने वाले थे।

मुख्य तथ्य:

4. हज़रत मुआज़ इब्न जबल रदि.(The 4 experts on Quran among the Sahabah)

हज़रत मुआज़ इब्न जबल रदियल्लाहुताला अन्हु अंसार के बेहतरीन आलिम और कुरआन के माहिर थे। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने उन्हें “सब से ज़्यादा हलाल और हराम का इल्म रखने वाला सहाबी” कहा।

मुख्य तथ्य:

इन चार सहाबा का कुरआन की हिफ़ाज़त, तिलावत, तफ़सीर और तालीम में बेहद अहम किरदार रहा। इन्हीं की मेहनत और इल्म की वजह से उम्मत आज तक कुरआन-ए-मजीद के सही तफ़सीर और मक़ासिद तक पहुँच रही है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल FAQ (The 4 experts on Quran among the Sahabah)

Q1. अब्दुल्लाह इब्न मस’ऊद रदियल्लाहुताला अन्हु को कुरआन में क्यों मशहूर माना जाता है?
Ans: वे पहले सहाबी थे जिन्होंने मक्का में खुलकर कुरआन की तिलावत की। उन्हें 70 से अधिक सुरह सीधे नबी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम से सीखने का शरफ़ हासिल था और उन्होंने कूफ़ा में कुरआन का बड़ा मदरसा क़ायम किया।

Q2. उबै्य इब्न कअब रदियल्लाहुताला अन्हु को “सैय्यदुल-कुर्रा” क्यों कहा जाता है?
Ans: क्योंकि वे बेहतरीन क़ारी (तिलावत करने वाले) थे। नबी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने उनकी तिलावत की तारीफ़ की और उन्हें उम्मत के सबसे अफ़ज़ल क़ारियों में गिना।

Q3. अब्दुल्लाह इब्न अब्बास रदियल्लाहुताला अन्हु का कुरआन की तफ़सीर में क्या मक़ाम है?
Ans: उन्हें “तरजुमानुल-कुरआन” कहा जाता है। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने उनके लिए दुआ की कि अल्लाह उन्हें दीन और कुरआन की तफ़सीर का गहरा इल्म अता करे। वे तफ़सीर और फ़िक़्ह के बड़े आलिम थे।

Q4. मुआज़ इब्न जबल रदियल्लाहुताला अन्हु को किस इल्म में महारत हासिल थी?
Ans: उन्हें हलाल और हराम का गहरा इल्म हासिल था। रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने उन्हें यमन भेजा ताकि लोगों को कुरआन और इस्लाम की तालीम दें।

Q5. इन चार सहाबा का कुरआन की हिफ़ाज़त में क्या योगदान है?
Ans: इन्होंने कुरआन की तिलावत, हिफ़्ज़, तफ़सीर और तालीम को उम्मत तक पहुँचाया। इनकी मेहनत से कुरआन का असल पैग़ाम और मक़ासिद हर दौर में उम्मत तक पहुँचे।

जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे  – आमीन ।

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