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मक्का का मुक़द्दस इलाक़ा – हरम एरिया के ख़ास अहकाम ( The area of Haram in Makkah Hindi – Boundary & 5 Rules – Authentic Details)

मक्का का मुक़द्दस इलाक़ा – हरम एरिया के ख़ास अहकाम ( The area of Haram in Makkah Hindi – Boundary & Rules )

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हरम एरिया इस्लाम में एक ख़ास मुक़ाम रखता है। इसे “अल-हरम” कहा जाता है क्योंकि यहाँ कुछ ऐसे काम मना हैं जो दूसरी जगहों पर जायज़ हो सकते हैं। अल्लाह तआला ने मक्का को चुना और इसे पवित्र बनाया। कुरआन और हदीस में इसके बारे में साफ़ हिदायतें मौजूद हैं।

हरम एरिया की सरहद Boundary of Haram ( The area of Haram in Makkah Hindi )

मक्का मुक़र्रमा के चारों तरफ़ एक मुक़र्रर की हुई हद है जिसे हद-ए-हरम कहते हैं। यह मक्का के चारों दिशाओं में लगभग 15-20 किलोमीटर तक फैली हुई है। इस सरहद के अंदर वही क़ानून लागू होते हैं जो अल्लाह और उसके रसूल सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने बताये।

“मक्का के चारों तरफ़ 15–20 किलोमीटर का इलाक़ा हरम है” यह बात कुरआन या हदीस की सीधी नकल नहीं है, बल्कि उलमा और तारीखी रिवायतों से ली गई जानकारी है।

असल हदीस और रिवायतें – ( The area of Haram in Makkah Hindi )
  1. हद-ए-हरम का ताय्युन (boundary fixing) नबी इब्राहीम अलैहिस्सलाम और बाद में रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने करवाया।

    • रसूल सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया:

      “इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने मक्का को हरम बनाया और मैंने मदीना को हरम बनाया।”
      (सहीह मुस्लिम, हदीस: 1362)

    • मक्का की सरहदें नबी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम के ज़माने में मशहूर थीं और सहाबा किराम ने उन्हें नाप-तौल कर बयान किया।

  2. मुहद्दिसीन और फ़ुक़हा के मुताबिक़:

    • हद-ए-हरम की अलग-अलग जगहों की दूरी अलग है, लेकिन औसतन 15–20 किमी (8–12 मील) बनती है।

    • मस्जिद-ए-हरम से बाहर की हदूद के मशहूर मक़ामात –

      • तनईम  → लगभग 7–8 किमी

      • अद्ना अल-हल → 6–7 किमी

      • जिआराना → 16–18 किमी

      • हुड़ैबिया → लगभग 15–20 किमी

    (देखें: फ़त्हुल-बारी, किताबुल-हज, बाब तहरीम मक्का, और अल-मौसुआह अल-फिक़्हिया अल-कुवैतिया, ज. 17, ص 193)

कुरआन की दलील – ( The area of Haram in Makkah Hindi )

سورة آل عمران 3:97
وَمَن دَخَلَهُ كَانَ آمِنًا
“और जो उसमें दाख़िल हुआ, वह अमन (सुरक्षित) में रहा।”

हरम एरिया के ख़ास अहकाम Rules in Haram Area ( The area of Haram in Makkah Hindi )

1. सिर्फ़ मुसलमानों का दाख़िला Only Muslims may enter ( The area of Haram in Makkah Hindi )

ग़ैर-मुस्लिम हरम शरीफ़ में दाख़िल नहीं हो सकते।
कुरआन: सूरह अत-तौबा 9:28
يَا أَيُّهَا الَّذِينَ آمَنُوا إِنَّمَا الْمُشْرِكُونَ نَجَسٌ فَلَا يَقْرَبُوا الْمَسْجِدَ الْحَرَامَ
“ऐ ईमान वालों! मुशरिक नापाक हैं, इसलिए वे मस्जिद-ए-हरम के क़रीब न आएं।”

2. लड़ाई-झगड़ा मना है Fighting is forbidden ( The area of Haram in Makkah Hindi )

हरम में क़त्ल-ओ-ग़ारत, लड़ाई-झगड़ा और खून-ख़राबा हराम है।
हदीस:
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया – 
“अल्लाह ने इस शहर (मक्का) को अमन का मुक़ाम बनाया है। यहाँ न खून बहाया जाएगा और न ही हथियार उठाया जाएगा।”
(सहीह बुख़ारी, हदीस: 1832, सहीह मुस्लिम, हदीस: 1353)

3. दरख़्त काटना और शिकार करना मना है Cutting trees or hunting not permitted ( The area of Haram in Makkah Hindi )

हरम शरीफ़ में पेड़-पौधे काटना, जानवर का शिकार करना या उन्हें तंग करना मना है।
हदीस:
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया – 
“इस शहर के काँटे तक तोड़े नहीं जाएंगे, यहाँ का शिकार न मारा जाएगा, और यहाँ की गिरी हुई चीज़ न उठाई जाएगी।”
(सहीह मुस्लिम, हदीस: 1353)

4. ताज़ीम और एहतिराम Respect its sanctity ( The area of Haram in Makkah Hindi )

मुसलमानों पर लाज़िम है कि हरम की ताज़ीम करें, यहाँ गुनाह से बचें और इबादत में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें।
कुरआन: सूरह अल-हज 22:32
وَمَن يُعَظِّمْ شَعَائِرَ اللَّهِ فَإِنَّهَا مِن تَقْوَى الْقُلُوبِ
“और जो अल्लाह की निशानियों की ताज़ीम करता है, तो यह दिलों की तक़्वा से है।”

5. नेक कामों की तरगीब Good deeds should be pursued diligently ( The area of Haram in Makkah Hindi )

हरम में किए गए नेक कामों का सवाब कई गुना बढ़ जाता है।
हदीस:
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया:
“मस्जिद-ए-हराम में एक नमाज़ का सवाब, दूसरी मस्जिदों में की गई एक लाख नमाज़ों के बराबर है।”
(सुनन इब्न माजा, हदीस: 1406, तिर्मिज़ी: 326)

कितने शहर हरम हैं? ( The area of Haram in Makkah Hindi )

  1. मक्का मुकर्रमा – मस्जिद-ए-हराम और इसका मुक़द्दस इलाक़ा।

  2. मदीना मुनव्वरा – रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने दुआ करके इस शहर को भी हरम क़रार दिया।
    हदीस:
    “इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने मक्का को हरम बनाया और मैंने मदीना को हरम बनाया।”
    (सहीह मुस्लिम, हदीस: 1362)

हरम एरिया सिर्फ़ एक मुक़द्दस जगह ही नहीं, बल्कि मुसलमानों के लिए अल्लाह की रहमत और बरकतों का ख़ज़ाना है। यहाँ की हर इबादत का सवाब कई गुना बढ़ जाता है और हर गुनाह का बोझ भी बढ़ जाता है। इसलिए ज़रूरी है कि हर मुसलमान इसकी हदूद, अहकाम और ताज़ीम को समझे और अमल में लाए। मक्का और मदीना दोनों हरम शहर हमें यह याद दिलाते हैं कि अमन, इबादत और तक़्वा ही असली मक़सद है।

5 आम सवाल FAQ ( The area of Haram in Makkah Hindi )

Q1. हरम एरिया कितना बड़ा है?
मक्का के चारों तरफ़ लगभग 15-20 किमी का इलाक़ा हरम है।

Q2. क्या ग़ैर-मुस्लिम हरम शरीफ़ जा सकते हैं?
नहीं, कुरआन (9:28) में साफ़ मनाही है।

Q3. हरम में शिकार करने पर क्या हुक्म है?
हरम में शिकार करना गुनाह है।

Q4. हरम में नमाज़ का सवाब कितना है?
मस्जिद-ए-हरम में 1 नमाज़ = 100,000 नमाज़ों के बराबर।

Q5. कितने शहर हरम कहलाते हैं?
दो – मक्का और मदीना।

जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे  – आमीन ।

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