उमराह गाइड स्टेप बाय स्टेप ( Umrah Guide Step by Step Hindi – How to Perform Umrah )
उमराह इस्लाम की एक अज़ीम इबादत है जो किसी भी वक़्त अदा की जा सकती है। हज की तरह यह फ़र्ज़ नहीं लेकिन बहुत अहम सुन्नत है। इसमें इंसान अल्लाह के घर काबा शरीफ़ का तवाफ करता है, सफा-मरवा के दरमियान सई करता है और आख़िर में सर के बाल मुँडवा कर या काटकर इहराम से बाहर आता है।
इस पूरे अमल में दिल की सफ़ाई, निय्यत की सच्चाई और अल्लाह की तअज़ीम सबसे अहम है।
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया – “उमराह से उमराह तक (अमल) गुनाहों का कफ़्फ़ारा है, और हज-ए-मबरूर (क़ुबूल हज) की जज़ा सिर्फ़ जन्नत है।”
(सहीह बुखारी 1773, सहीह मुस्लिम 1349)
उमराह के अरकान Rites of Umrah ( Umrah Guide Step by Step Hindi )
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इहराम (Ihram)
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तवाफ (Tawaf al-Umrah)
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सई (Sa’i – सफा और मरवा के दरमियान)
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हल्क़ या तक़्सीर (Halq / Taqsir – बाल मुँडवाना या कटवाना)
1. इहराम (Ihram) और निय्यत (Niyyah) ( Umrah Guide Step by Step Hindi )
क़ुरआन –
“और हज और उमराह को अल्लाह के लिए पूरा करो।”
(सूरह अल-बक़रा 2:196)
हदीस –
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया – “अमल निय्यत पर मुक़ूफ़ है, और हर शख़्स को वही मिलेगा जिसकी उसने निय्यत की।”
(सहीह बुखारी 1, सहीह मुस्लिम 1907)
तैयारी ( Umrah Guide Step by Step Hindi )
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ग़ुस्ल करना या कम से कम वुज़ू करना।
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नाख़ून काटना, जिस्म ( शर्मगाह ) के बाल साफ़ करना।
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मर्द दो सादा सफेद कपड़े पहनें (इज़ार और रिदा), और जूते/सैंडल जिनसे टखना और एड़ी न ढँके।
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औरतें अपने मामूली कपड़े पहनें जो शरीअत के मुताबिक़ हों; चेहरा और हथेली खुली रख सकती हैं।
निय्यत Niyyah ( Umrah Guide Step by Step Hindi )
Arabic:
نَوَيْتُ الْعُمْرَةَ وَأَحْرَمْتُ بِهَا لِلّٰهِ تَعَالَى
Hindi:
नवैतुल उमरह वा अहरमतु बिहा लिल्लाहि तआला।
Hinglish:
“Nawaytu al-Umrata wa ahramtu biha lillahi ta‘ala.”
English:
“I intend to perform Umrah and have entered into Ihram for the sake of Allah, the Most High.”
2. तलबियाह Talbiyah ( Umrah Guide Step by Step Hindi )
इहराम बाँधने के बाद यह तलबियाह पढ़ना वाजिब है और पूरी सफ़र में बार-बार पढ़ते रहना चाहिए।
Arabic:
لَبَّيْكَ اللَّهُمَّ لَبَّيْكَ، لَبَّيْكَ لَا شَرِيكَ لَكَ لَبَّيْكَ، إِنَّ الْحَمْدَ وَالنِّعْمَةَ لَكَ وَالْمُلْكَ، لَا شَرِيكَ لَكَ
Hindi:
लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक, लब्बैक ला शरीक लक लब्बैक, इन्नल-हम्दा वन-निअमता लक वल-मुल्क, ला शरीक लक।
Hinglish:
“Labbayk Allahumma labbayk, labbayka la sharika laka labbayk, innal-hamda wan-ni‘mata laka wal-mulk, la sharika lak.”
English:
“Here I am, O Allah, here I am. Here I am, You have no partner, here I am. Surely all praise, favor, and sovereignty belong to You. You have no partner.”
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम का तलबियाह यही था – “लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक…” (सहीह मुस्लिम 1184, सहीह बुखारी 1549)
यह दुआ उमराह/हज का ऐलान है कि बन्दा अल्लाह की बंदगी में हाज़िर है।
3. तवाफ Tawaf al-Umrah ( Umrah Guide Step by Step Hindi )
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मस्जिद अल-हराम में दाख़िल होते वक़्त दुआ पढ़ें और दाहिने पैर से क़दम रखें।
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हजर-ए-असवद (Black Stone) से तवाफ़ की शुरुआत करें।
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काबा शरीफ़ का 7 चक्कर उल्टे हाथ की तरफ़ (anti-clockwise) लगाएँ।
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पहले 3 चक्करों में मर्दों के लिए तेज़ क़दम (रमल) करना मुस्तहब है।
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हर बार हजर-ए-असवद पर पहुँचकर चूमना या हाथ से इशारा करना सुन्नत है।
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तवाफ़ के बाद मक़ाम-ए-इब्राहीम के पीछे दो रकाअत नमाज़ पढ़ें।
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ज़मज़म का पानी पीना और दुआ करना।
क़ुरआन –
“और हमने इब्राहीम और इस्माईल को हुक्म दिया कि मेरे घर को तवाफ़ करने वालों, एतिकाफ़ करने वालों, रुकू और सज्दा करने वालों के लिए पाक साफ़ रखो।”
(सूरह अल-बक़रा 2:125)
हदीस –
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया – “जो काबा का तवाफ़ करे और सात चक्कर लगाए, यह एक नेक अमल के बराबर है।”
(जामिअ तिर्मिज़ी 959 – हसन)
4. सई (Sa’i – सफा और मरवा के दरमियान) ( Umrah Guide Step by Step Hindi )
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तवाफ के बाद सई शुरू करें।
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सफा पहाड़ से शुरू करके मरवा पर खत्म करें।
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कुल 7 शुत (laps) पूरे करें (सफा→मरवा = 1, मरवा→सफा = 2, और इसी तरह 7 तक)।
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सफा पर चढ़कर यह आयत पढ़ें:
Arabic:
إِنَّ الصَّفَا وَالْمَرْوَةَ مِنْ شَعَائِرِ اللَّهِ
Hindi:
“इन्नस-सफा वल-मरवता मिन शा’इरिल्लाह।”
Hinglish:
“Innas-safa wal-marwata min sha‘a’irillah.”
English:
“Indeed, Safa and Marwa are among the symbols of Allah.” (Qur’an 2:158)
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हर चक्कर में दुआ और ज़िक्र करते रहें।
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मर्द हरे निशानों (ग्रीन लाइट्स) के बीच तेज़ क़दम (जॉगिंग) से चलें। औरतें सामान्य रफ़्तार से चलें।
क़ुरआन –
“निश्चय ही सफा और मरवा अल्लाह की निशानियों में से हैं। तो जो हज या उमराह करे, उस पर कोई गुनाह नहीं कि वह इन दोनों का तवाफ़ करे।”
(सूरह अल-बक़रा 2:158)
हदीस –
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया – “सई वह है जो तुम्हारे लिए अल्लाह ने फ़र्ज़ किया है, इसलिए इसे अदा करो।”
(मुसनद अहमद 24690 – सह़ीह)
5. हल्क़ या तक़्सीर (Halq / Taqsir) ( Umrah Guide Step by Step Hindi )
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सई मुकम्मल होने के बाद, मर्दों के लिए सर मुंडवाना (हल्क़) अफ़ज़ल है। अगर नहीं, तो कम से कम बालों को थोड़ा काटना (तक़्सीर) करना ज़रूरी है।
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औरतें बालों का सिरा (करीब एक इंच) काटें।
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इस अमल के बाद इहराम की हालत खत्म हो जाती है।
हदीस –
रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया – “अल्लाह रहमत करे सर मुँडवाने वालों पर।” सहाबा ने पूछा: और बाल काटने वालों पर? रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने तीन बार दोहराया: ‘अल्लाह रहमत करे सर मुँडवाने वालों पर।’ फिर चौथी बार फ़रमाया: ‘और बाल काटने वालों पर भी।’”
(सहीह बुखारी 1727, सहीह मुस्लिम 1303)
अहकाम और एहतियात (Rules & Precautions) ( Umrah Guide Step by Step Hindi )
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इहराम की हालत में खुशबू लगाना, शिकार करना, बाल/नाख़ून काटना, शादी के अक़्द में शामिल होना या मुआशरत करना मना है।
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उल्लंघन पर फिद्या (सदक़ा / दम्म) अदा करनी पड़ सकती है।
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मस्जिद अल-हराम में ज्यादा से ज्यादा तिलावत, दुआ और इस्तिग़फ़ार करें।
उमराह एक रूहानी सफ़र है जहाँ इंसान अपनी गुनाहों की माफ़ी, दिल की सफ़ाई और अल्लाह के क़रीब होने की दुआ करता है। निय्यत से लेकर हल्क़ तक हर क़दम अल्लाह की तअज़ीम और मोहब्बत का इज़हार है।
क़ुरआन –
“और जब तक तुम इहराम में हो, शिकार न करो।” (सूरह अल-माइदा 5:95)
FAQs ( Umrah Guide Step by Step Hindi )
Q1: उमराह और हज में क्या फर्क है?
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हज इस्लाम का पाँचवाँ स्तंभ है और हर मुसलमान पर ज़िंदगी में कम से कम एक बार फ़र्ज़ है अगर वह माली और जिस्मानी तौर पर सक्षम हो।
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उमराह सुन्नत-ए-मुअक्कदा है और साल भर किसी भी वक़्त अदा की जा सकती है।
Q2: उमराह में कितना वक़्त लगता है?
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आम तौर पर उमराह 3–5 घंटे में मुकम्मल हो सकता है, मगर भीड़ और हालात के हिसाब से ज़्यादा भी लग सकता है।
Q3: क्या उमराह करने के लिए मीक़ात से इहराम बाँधना ज़रूरी है?
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जी हाँ, उमराह या हज की निय्यत करने वाले हर शख़्स को मीक़ात पर इहराम बाँधना लाज़मी है।
Q4: औरतें उमराह के दौरान नक़ाब या दस्ताने पहन सकती हैं?
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नहीं, इहराम की हालत में औरतों के लिए नक़ाब और दस्ताने पहनना मना है। मगर ढीली चादर से चेहरा ढक सकती हैं।
Q5: उमराह कितनी बार किया जा सकता है?
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उमराह को साल में कई बार अदा किया जा सकता है, मगर फुक़हा के मुताबिक़ हर उमराह के बीच कुछ फ़ासला और नए इहराम का एहतिमाम होना चाहिए।
जज़ाकल्लाह खैर।
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