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वक़्फ़ और हिंदुस्तान में वक़्फ़ के हालात पर सियासत ( Muslim rights & Waqf Act 2025 Supreme Court India Hindi- Authentic Details)

वक़्फ़ और हिंदुस्तान में वक़्फ़ के हालात पर सियासत ( Muslim rights & Waqf Act 2025 Supreme Court India in Hindi)

वक़्फ़ क्या है? ( Waqf Act 2025 Supreme Court India )

वक़्फ़ इस्लामी शरअत का एक अहम उसूल है, जिसमें कोई शख़्स अपनी मिल्कियत (जायदाद, ज़मीन, माली असबाब) को हमेशा के लिए अल्लाह की राह में “महबूस” कर देता है। इसका मतलब यह कि वो माल बेचने, विरासत में बाँटने या वसीयत करने के क़ाबिल नहीं रहता। उसकी आमदनी (rent, produce) मुफ़ीद मक़ासिद (जैसे मस्जिद, मदरसा, ग़रीबों की मदद, मुसाफ़िरों की ख़िदमत) पर ख़र्च होती है।

हदीस में इसको सदक़ा-ए-जारीया कहा गया है — यानी ऐसा सवाब जो मरने के बाद भी इंसान के नामे-आमाल में दर्ज़ होता रहे।

कुरआन व हदीस में वक़्फ़ का तज़किरा ( Waqf Act 2025 Supreme Court India )

कुरआनी दलील

“जो लोग अल्लाह की राह में अपना माल ख़र्च करते हैं, उनकी मिसाल ऐसे बीज की तरह है जिससे सात बालियाँ निकलीं और हर बाली में सौ दाने हुए…”
(सूरह अल-बक़रह 2:261)

यह आयत सदक़ा की बरकत और उसके कई गुना होने की तस्बीत करती है।

हादीस
  1. रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम  ने फ़रमाया –
    “जब आदम की औलाद (इंसान) का इंतिक़ाल होता है, उसके आमाल बंद हो जाते हैं मगर तीन चीज़ों का सवाब जारी रहता है: सदक़ा-ए-जारीया, इल्म जिससे लोग फ़ायदा उठाएँ, और नेक औलाद की दुआ।”
    (सहीह मुस्लिम, हदीस 1631)

  2. हज़रत उमर बिन ख़त्ताब रदियल्लाहुताला अन्हु ने ख़ैबर में ज़मीन हासिल की और नबी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम  से मशवरा किया। आप सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया –
    “असल माल को रोक दो, और उसकी पैदावार को सदक़ा कर दो।”
    (सहीह मुस्लिम, हदीस 1632)

तारीख़ी मनाज़िर ( Waqf Act 2025 Supreme Court India )

दौर-ए-नबवी व ख़िलाफ़त
हिंदुस्तान में वक़्फ़

भारत का वक़्फ़ बोर्ड ( Waqf Act 2025 Supreme Court India )

हर रियासत (State) में वक़्फ़ बोर्ड क़ायम है जो वक़्फ़ जायदादों की देख-रेख, इनकम का इस्तेमाल, मुक़द्दमात में नुमाइंदगी और मुताल्लिक़ा इदारों के तआवुन का ज़िम्मेदार है।
Central Waqf Council भी मौजूद है जो पॉलिसी व इस्लाहात की निगरानी करता है।

सुप्रीम कोर्ट का ताज़ा फ़ैसला (सितम्बर 2025) ( Waqf Act 2025 Supreme Court India )

मुसलमानों के लिए फ़वायद या नुक़्सान? ( Waqf Act 2025 Supreme Court India )

फ़वायद
नुक़्सान या ख़तरात

सियासी असरात ( Waqf Act 2025 Supreme Court India )

तजज़िया व आइंदा का इम्कान ( Waqf Act 2025 Supreme Court India )

FAQs ( Waqf Act 2025 Supreme Court India )

1. वक़्फ़ और ज़कात में क्या फर्क़ है?
ज़कात फ़र्ज़ है, वक़्फ़ इख़्तियारी (voluntary) अमल है। ज़कात सालाना अदा होती है, वक़्फ़ हमेशा के लिए महबूस किया जाता है।

2. क्या ग़ैर-मुस्लिम वक़्फ़ बोर्ड का हिस्सा बन सकते हैं?
क़ानून में प्रावधान है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर ताज़ा रोक नहीं लगाई, सिर्फ़ कुछ हदूद तय की हैं।

3. क्या हर वक़्फ़ बनाने वाले को मुसलमान होना ज़रूरी है?
हाँ, लेकिन “पाँच साल मुसलमान” वाली शर्त को अदालत ने मुअत्तल कर दिया है।

4. अगर वक़्फ़ जायदाद पर हक़ का दावा हो तो क्या होगा?
कलेक्टर तफ़्तीश करेगा, लेकिन उस दौरान वक़्फ़ की हैसियत बरक़रार रहेगी।

5. क्या वक़्फ़ का सियासत से ताल्लुक़ है?
जी हाँ, वक़्फ़ का मुद्दा हमेशा से सियासी रहा है। इससे मुसलमानों की इत्तेहाद, वोट बैंक और हुकूमत पर एतमाद मुतअस्सिर होता है।

जज़ाकल्लाह खैर।

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