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तवाफ़ ए काबा में रमल क्या है और क्यूँ किया जाता है ( Ramal in Tawaf in Hindi – First 3 Round of Tawaf )

तवाफ़ ए काबा में रमल क्या है और क्यूँ किया जाता है ( What is Ramal in Tawaf in Hindi )

 

 

 

 

 

हमने अक्सर तवाफ़ करते हुए हाजियों को कुछ अलग अंदाज़ में चलते हुए देखा है , जिसे रमल कहते है। हज और उमराह करते वक़्त खाना ए काबा के 7 चक्कर लगाना तवाफ़ कहलाता है। मर्द और औरतों के लिए तवाफ़ के कुछ अलग तरीके है जिनमे से रमल एक है। जो सिर्फ मर्दो के लिए है।

तवाफ़ के पहले 3 चक्करो में मर्द रमल करते है और बाकी 4 चक्कर नॉर्मल तरीके से पूरा करते है। वही खातूनों के लिए रमल का हुकुम नहीं है । उन्हें तवाफ़ के पुरे 7 चक्कर नॉर्मल तरीके से पूरे करने होते है।

रमल क्या है ( What is Ramal in Tawaf ) 

सीने को चौड़ा और कंधो को ऊपर कर , छोटे छोटे कदम उठाते हुए तेज़ चलना जैसे कोई बहादुर जंगी चल रहा हो और इसी हालत में तवाफ़ के 3 चक्कर लगाना रमल कहलाता है।

रमल क्यों और कब किया जाता है ? ( why and when pilgrims perform Ramal in Tawaf )

तवाफ़ में मर्दो का रमल करना सुन्नत ए रसूल है जिसे तवाफ़ ए उमराह और तवाफ़ अल कुदुम याने हज के मैन तवाफ़ में किया जाता है। इसके अलावा अगर कोई अलग से तवाफ़ करता है तो रमल करना जरुरी नहीं।

रमल क्यों शुरू किया गया ? ( how Ramal in Tawaf started ) 

अल्लाह सुब्हानवताला की तरफ से रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम को उमराह करने का ख्वाब आया। जिसके बाद रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने उमराह करने की नीयत से मुसलमानो के साथ मदीना से मक्का की तरफ, सफर शुरू किया । जंग ए ख़ंदक़ जैसे बड़ी जंग के बाद भी मुसलमानो और क़ुरैश का कई बार जंगी सामना हुआ। मक्का के कुफ्फार किसी तरह से मुसलमानो के बढ़ते हुए असर को रोकना चाहते थे और इसी लिए सुलह हुदैबिया का समझौता किया गया।

सुलह हुदैबिया के वक़्त मुसलमानो को उमराह किये बगैर मदीना लौटना पड़ा। और अगले साल उमराह के लिए लौटने का इरादा हुआ। कुफ्फार ए मक्का ने हर साज़िश और तरीके अपनाये ताकि मुसलमानो को परेशान किया जा सके।

अगले साल उमराह के लिए सिर्फ 3 दिन दिए गए, सफर से थके और गर्मी से परेशान मुसलमान जब मक्का पहुंचे तो कुफ्फार ए मक्का यत्रीब ( मदीना ) में फैली बीमारी का हवाला देकर मुसलमानो  की कमज़ोर हालत का मज़ाक बनाने लगे। चारो तरफ मौजूद वादी पर कुफ्फार ए मक्का बैठ गए और तवाफ़ करते मुसलमानो का मखौल उड़ाने लगे। जिसे देख कर , रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने ऐलान किया – तमाम मुसलमान मर्द, तवाफ़ में रमल करेंगे। एक मजबूत मुसलमान की तरह जिन्हे कुफ्फार की कोई परवाह नहीं। रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम का ऐलान सुन तमाम मुसलमान एक साथ तवाफ़ करने लगे जैसे एक फौज की टुकड़ी हो। जिसे देख कर कुफ्फार ए मक्का सहम गया था।

जज़ाकल्लाह खैर।

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