इस्लामी हिजरी कैलेंडर ( 12 Islamic mahino ke naam hindi – Hijri Calendar )
हिजरी कैलेंडर का तआरुफ़ ( 12 Islamic mahino ke naam hindi )
हिजरी या इस्लामी कैलेंडर एक चांद पर मबनी निज़ाम है, जिसे तमाम मुसलमानों की इबादात, रोज़े, हज, ईद और दीगर मज़हबी मौक़ों की तारीख़ों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका आग़ाज़ उस तारीखी वाक़ेआ से हुआ जब हुज़ूर ए करीम रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने मक्का से मदीना हिजरत की, यानी इस्लामी तारीख़ में 1 हिजरी की शुरुआत 622 ईस्वी से मानी जाती है।
हिजरी साल की ख़ास बातें – ( 12 Islamic mahino ke naam hindi )
-
इसमें 12 महीने होते हैं।
-
ये चांद के हिसाब से चलता है, लिहाज़ा इसमें साल के 354 या 355 दिन होते हैं।
-
हर साल यह मगरिबी कैलेंडर से 10-11 दिन छोटा होता है।
-
यह कैलेंडर सिर्फ़ वक़्त का पैमाना नहीं, बल्कि इस्लामी तहज़ीब का अहम हिस्सा है।
हिजरी साल के 12 महीनों की तफसील – ( 12 Islamic mahino ke naam hindi )
1. मुहर्रम (Muharram)
-
पहला महीना और चार हराम महीनों में से एक।
-
इस महीने में जंग व झगड़ा हराम (नाजायज़) था।
-
10 मुहर्रम – यौम-ए-आशूरा, जिस दिन हज़रत इमाम हुसैन रज़ि. ने शहादत पेश की।
2. सफ़र (Safar)
-
इसमें कोई खास इबादत तय नहीं, लेकिन तारीख़ी वाक़ियात से भरा हुआ महीना है।
3. रबीउल-अव्वल (Rabi’ al-Awwal)
-
आलिमो के मुताबिक 12 रबीउल-अव्वल को रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम की पैदाइश हुई थी।
-
पूरी दुनिया के मुसलमान इस महीने को “सीरत-उन-नबी” के लिए मुनासिब समझते हैं।
4. रबीउस्सानी / रबीउल-आख़िर (Rabi’ al-Thani)
-
इस महीने में कुछ बुज़ुर्गाने दीन की विलादत या विसाल हुआ।
-
आम महीनों की तरह ही इसमें आमाल किए जाते हैं।
5. जमाद-अल-अव्वल (Jumada al-Awwal)
-
तारीख़ी तौर पर इस महीने में ग़ज़वात (इस्लामी लड़ाइयाँ) का ज़िक्र मिलता है।
6. जमाद-अल-आख़िर (Jumada al-Thani)
-
इस महीने में कुछ सहाबा की शहादत के वाक़ियात मिलते हैं।
7. रजब (Rajab)
-
चार हराम महीनों में शामिल।
-
27 रजब को इसरा व मिराज ( रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम का आसमानी सफ़र) का वाक़ेआ माना जाता है।
-
इबादत और तौबा का महीना।
8. शाबान (Sha’ban)
-
रमज़ान की तैयारी का महीना।
-
हदीस के मुताबिक़, रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम इस महीने में कसरत से रोज़े रखते थे।
-
15 शाबान (शब-ए-बरात), मग़फ़िरत की रात।
9. रमज़ान (Ramadan)
-
इस्लामी कैलेंडर का सबसे मुबारक महीना।
-
रोज़े फ़र्ज़ हैं।
-
कुरआन ए पाक का नुज़ूल इसी महीने में हुआ।
-
लैलतुल-क़द्र इसी महीने में आती है — जिसे हज़ार महीनों से अफ़ज़ल रात कहा गया।
10. शव्वाल (Shawwal)
-
ईद-उल-फ़ित्र इसी महीने की पहली तारीख़ को मनाई जाती है।
-
ईद के बाद के 6 रोज़े बहुत फ़ज़ीलत वाले माने गए हैं।
11. ज़िल-क़दह (Dhul-Qi’dah)
-
हराम महीनों में शामिल।
-
इस महीने में सफ़र कम किया जाता था, ताके लोग हज की तैयारी कर सकें।
12. ज़िल-हिज्जा (Dhul-Hijjah)
-
इस्लामी साल का आख़िरी महीना।
-
हज इसी महीने में अदा किया जाता है।
-
9 ज़िल-हिज्जा – यौम-ए-अराफा, रोज़ा रखने की बड़ी फ़ज़ीलत है।
-
10 ज़िल-हिज्जा – ईद-उल-अज़हा (क़ुरबानी की ईद)।
हिजरी कैलेंडर सिर्फ़ तारीख़ों का सिलसिला नहीं, बल्कि यह इस्लामी तारीख़, अदब, इबादत और तहज़ीब का ज़िंदा दस्तावेज़ है। इसके हर महीने में कोई न कोई रूहानी या तारीख़ी अहमियत ज़रूर होती है। हमें इस कैलेंडर की सही समझ रखनी चाहिए और इसके मुताल्लिक़ अपने बच्चों को भी आगाह करना चाहिए।
हिजरी कैलेंडर से जुड़े वीडियो – ( 12 Islamic mahino ke naam hindi )
मुस्लिम कैलेंडर किसने शुरू किया | MUSLIM CALENDAR 🗓️ | ISLAMIC CALENDAR
हिजरी कैलेंडर अंग्रेजी तारीख से क्यों बहतरीन है Islamic lunar calendar vs English Calendar
हरम के 4 महीने कौन से हैं? Haram ke 4 mahine kon se hai? The Sacred Months in islam
FAQs – ( 12 Islamic mahino ke naam hindi )
1. हिजरी कैलेंडर की शुरुआत कब और कैसे हुई?
जवाब: हिजरी कैलेंडर की शुरुआत सन 622 ईस्वी में हुई, जब हज़रत मुहम्मद सल्लाहु अलय्हि वसल्लम मक्का से मदीना की हिजरत की। इसे ही इस्लामी साल का पहला साल माना जाता है।
2. हिजरी कैलेंडर सौर (solar) कैलेंडर से कितना अलग है?
जवाब: हिजरी कैलेंडर चांद पर मबनी होता है, जिसमें साल के 354 या 355 दिन होते हैं, जबकि सौर कैलेंडर में 365 या 366 दिन होते हैं। हर साल हिजरी तारीख़ें 10-11 दिन पहले आ जाती हैं।
3. हराम महीने कौनसे होते हैं और इनकी अहमियत क्या है?
जवाब: चार हराम महीने हैं — मुहर्रम, रजब, ज़िल-क़दह और ज़िल-हिज्जा। इन महीनों में लड़ाई-झगड़ा करना हराम माना गया है और इन्हें इबादत व तौबा के लिए अफ़ज़ल माना जाता है।
4. रमज़ान किस महीने में आता है और क्यों अहम है?
जवाब: रमज़ान इस्लामी साल का नौवां महीना है। इसमें रोज़े फ़र्ज़ होते हैं और इसी महीने में कुरआन पाक नाज़िल हुआ। इसमें लैलतुल क़द्र जैसी अफ़ज़ल रात भी आती है।
5. हिजरी कैलेंडर का इस्तेमाल किस लिए होता है?
जवाब: हिजरी कैलेंडर का इस्तेमाल तमाम इस्लामी इबादात जैसे रोज़ा, हज, ज़कात, ईद वग़ैरह की तारीख़ तय करने के लिए किया जाता है। यह मुसलमानों की मज़हबी ज़िंदगी में रहनुमाई करता है।
जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे – आमीन ।
होम पेज – https://islamicknowledgehindi.com/
हमारे यूट्यूब पेज को चेक करें ( DoFollow ) – https://www.youtube.com/@DaastanByJafar