हज़रत उमर बिन ख़त्ताब (रज़ि.) का तआरुफ़ ( 2nd Khalifa Umar bin khattab R. – Authentic Facts in Hindi)

हज़रत उमर बिन ख़त्ताब (रज़ि.) का तआरुफ़ ( 2nd Khalifa Umar bin khattab R.)

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2nd Khalifa Umar bin khattab

 

 

 

 

 

 

हज़रत उमर बिन ख़त्ताब रदिअल्लाहु ताला अन्हु इस्लाम के दूसरे ख़लीफ़ा और रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम के क़रीबी सहाबी थे। आपका  पूरा नाम उमर इब्न अल-ख़त्ताब था। आप क़ुरैश क़बीले के मशहूर बनू अदी शाख़ से ताल्लुक़ रखते थे। इस्लाम में दाख़िल होने से पहले आप बहुत सख़्त मिज़ाज और बहादुर थे। मगर इस्लाम क़ुबूल करने के बाद आपकी ज़िन्दगी में अज़ीम तब्दीलियाँ आईं।

इस्लाम में दाख़िल होने का वाक़िया ( 2nd Khalifa Umar bin khattab R.)

हज़रत उमर रदिअल्लाहु ताला अन्हु  नबी करीम सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम को क़त्ल करने के इरादे से निकले थे।  लेकिन रास्ते में किसी ने बताया कि आपकी बहन और बहनोई ने इस्लाम क़ुबूल कर लिया है। जब आप उनके पास पहुँचे तो आपने देखा कि वो क़ुरआन पढ़ रहे हैं। इस पर आपको ग़ुस्सा आया लेकिन बहन की बातों से दिल पसीज गया। उन्होंने क़ुरआन की आयतें सूरह तहा सुनी और वही से आपके दिल का रुख़ बदल गया। आप सीधा नबी सल्लाहु अलय्हि वसल्लम की ख़िदमत में पहुँचे और वहीं इस्लाम क़ुबूल कर लिया

ख़िलाफ़त का दौर (13 हिजरी – 23 हिजरी) ( 2nd Khalifa Umar bin khattab R.)

हज़रत अबू बकर सिद्दीक रदिअल्लाहु ताला अन्हु की वफ़ात के बाद, 634 ईस्वी में हज़रत उमर को ख़लीफ़ा बनाया गया। आपके दौर को “ज़रीन दौर” कहा जाता है क्योंकि आपने इस्लामी हुकूमत को न सिर्फ़ मज़बूत किया बल्कि क़ानून, फ़ौजी निज़ाम, अदालतें, और अमन व अमान की बुनियाद रखी।

हज़रत उमर के दौर की अहम बातें ( 2nd Khalifa Umar bin khattab R.)

1. इस्लामी फ़तूहात (Vast Conquests)

  • इराक़, मिस्र, शाम, फ़ारस और कई बड़े इलाक़े इस्लामी हुकूमत में शामिल हुए।

  • बैतुल मक़दिस (जेरूसलम) को फ़तह किया गया।

2. अदालती और इंतेज़ामी निज़ाम

  • आपने क़ाज़ियों (जजों) की तैनाती की।

  • पुलिस, डाक विभाग और सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम शुरू किया।

  • हिजरी कैलेंडर का आग़ाज़ भी आपके दौर में हुआ।

3. सादगी और इंसाफ़ की मिसाल

हज़रत उमर का लिबास आम आदमी जैसा होता था। रातों को घूम कर लोगों की हालत जानना और ज़रूरतमंदों की मदद करना आपकी आदत थी। आपको अमीरुल मोमिनीन (मुसलमानों का नेता) कहा जाता था लेकिन आप हमेशा खुद को एक ख़ादिम (सेवक) समझते थे।

4. हज़रत उमर की शहादत

23 हिजरी में अबू लुलू फ़ारसी नामी एक मज़दूर ने नमाज़ के दौरान मस्जिद-ए-नबवी  में आप पर हमला किया। कुछ दिन बाद आपकी शहादत हो गई।

हज़रत उमर की दफ़नगाह ( 2nd Khalifa Umar bin khattab R.)

आप रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम और हज़रत अबू बकर सिद्दीक रदिअल्लाहु ताला अन्हु के साथ मदीना शरीफ़ में दफ़न हैं।

अहम सवाल-जवाब FAQs ( 2nd Khalifa Umar bin khattab R.)

1. हज़रत उमर ने इस्लाम कब क़ुबूल किया?

इस्लाम के छठे साल में।

2. हज़रत उमर का सबसे बड़ा कारनामा क्या है?

इस्लामी हुकूमत की बुनियादी इदारों की तामीर और इंसाफ़ की बे मिसाल मिसालें।

3. क्या हज़रत उमर ने बैतुल मक़दिस को फ़तह किया था?

जी हाँ, उनके दौर में जेरूसलम फ़तह हुआ।

4. हज़रत उमर की शहादत कैसे हुई?

अबू लुलू नामी शख़्स ने नमाज़ के दौरान हमला किया।

5. हज़रत उमर को कौन सी उपाधि दी गई थी?

अमीरुल मोमिनीन।

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जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे  – आमीन ।

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