उलुल अज़्म पैग़म्बर: इस्लाम के पांच अज़ीम तरीन रसूल ( 5 Great Prophets The Ulul Azm Hindi )

उलुल अज़्म पैग़म्बर: इस्लाम के पांच अज़ीम तरीन रसूल ( 5 Great Prophets The Ulul Azm Hindi )

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5 Great Prophets The Ulul Azm Hindi

इस्लामी तारीख़ में कुछ अम्बिया ऐसे हैं जिनकी अज्म , सब्र , और इस्तेक़ामत (दृढ़ता) की मिसाल दी जाती है। इन्हें “उलुल अज़्म मिनर्रुसुल” कहा जाता है, यानी वो रसूल जो अल्लाह सुब्हानवताला की तरफ़ से दी गई ज़िम्मेदारी को सबसे ज़्यादा अज्म और सब्र के साथ निभाने वाले थे।

क़ुरआन मजीद में अल्लाह तआला ने फ़रमाया –

“फसबिर कमा सबरा उलुल अज्मे मिनर्रुसुल…” (तो आप सब्र कीजिए जैसे बड़े इरादे वाले रसूलों ने सब्र किया…) — सूरह अल-अहक़ाफ़ 46:35

उलुल अज़्म पैग़म्बरों के नाम ( 5 Great Prophets The Ulul Azm Hindi ) 

इस्लामी उलेमा के मुताबिक़ पांच पैग़म्बर “उलुल अज़्म” के दर्जे पर फ़ाइज़ हैं –

  1. नबी नूह अलैहिस्सलाम
  2. नबी इब्राहीम अलैहिस्सलाम

  3. नबी मूसा अलैहिस्सलाम

  4. नबी ईसा अलैहिस्सलाम

  5. नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम

उलुल अज़्म पैग़म्बरों की तफ्सील ( 5 Great Prophets The Ulul Azm Hindi )

1. नबी नूह अलैहिस्सलाम
  • आपको सबसे पहला “रसूल” माना जाता है।

  • क़रीब 950 साल तक आपने अपनी क़ौम को तौहीद की दावत देते रहे।

  • बहुत कम लोग ईमान लाए, मगर आपने सब्र और इरादा नहीं छोड़ा।

  • अल्लाह सुब्हानवताला ने आपको कश्ती बनाने का हुक्म दिया और तूफान के ज़रिए ग़ैर-मुत्तक़ीन को हलाक कर दिया।
    📖 क़ुरान : सूरह नूह, सूरह हूद (11:36–48)

2. नबी इब्राहीम अलैहिस्सलाम
  • आपको ख़लीलुल्लाह (अल्लाह सुब्हानवताला का दोस्त) पुकारा जाता है।

  • आपने अपने वालिद और क़ौम को बुतपरस्ती से रोका।

  • आग में डाला गया लेकिन अल्लाह सुब्हानवताला ने बचा लिया।

  • आपके बेटे नबी इस्माईल अलैहिस्सलाम की क़ुरबानी के लिए तैयार हो गए।
    📖 क़ुरान : सूरह अल-बक़रह (2:124), सूरह सफ्फ़ात (37:99–111)

3. नबी मूसा अलैहिस्सलाम
  • अल्लाह सुब्हानवताला ने आपको तौरा किताब से नवाज़ा ।

  • फ़िरऔन से मुकाबला किया और बनी इस्राईल को ग़ुलामी से आज़ादी दिलाई।

  • कोहे-तूर (माउंट सीनाई) पर अल्लाह सुब्हानवताला से कलाम किया।
    📖 क़ुरान : सूरह ताहा, सूरह अल-क़सस (28), सूरह आराफ़ (7:103–160)

4. नबी ईसा अलैहिस्सलाम
  • हज़रत मरयम रदिअल्लाहुताला अन्हा  के बेटे, बिना बाप के पैदा हुए — एक अज़ीम मुअजिज़ा।

  • लोगों को इनजील का पैग़ाम दिया, बीमारों को शिफा दी, अंधों को रोशनी दी।

  • हुकूमत ने आपको सूली पर चढ़ा देने की कोशिश की, लेकिन अल्लाह सुब्हानवताला ने आपको आसमान पर उठा लिया।
    📖 क़ुरान : सूरह मरयम, सूरह आल-इमरान (3:45–55)

5. सरदार ए अम्बिया मुहम्मद  मुस्तफा ﷺ
  • आख़िरी रसूल, जिन पर क़ुरआन नाज़िल हुआ।

  • मक्का से मदीना हिजरत, बद्र और उहुद की जंग, और फत्हे-मक्का जैसी कई मिसालें पेश कीं।

  • आप  “रहमतुल्लिल-आलमीन” है जिन्हे तमाम जहान का रसूल बनाकर भेजा गया ।
    📖 क़ुरान : सूरह अहज़ाब (33:40), सूरह फत्ह (48), सूरह अंबिया (21:107)

📚 उलुल अज़्म पैग़म्बरों की खास बातें ( 5 Great Prophets The Ulul Azm Hindi )

  • सब्र और अज्म में सबसे आगे

  • बड़े पैमाने पर नुबूवत और किताबों के नाज़िल होने का शर्फ

  • क़ौमी मुख़ालिफ़त के बावजूद इस्तेक़ामत

  • हर दौर के इंसानों के लिए क़यामत तक हिदायत और रहनुमाई

उलूल अज़्म  पैगम्बर वो हैं जो सिर्फ़ अपने ज़माने के नहीं, बल्कि तमाम इंसानियत के लिए रहनुमा बने। उनकी ज़िन्दगियाँ हमें हक़, सब्र, तौहीद और हिम्मत का सबक देती हैं।

उलूल अज़्म  पैगम्बरों से जुड़े वीडियो – 

NABIYON ME AALA -ULUL AZM

अक्सर पूछे जाने वाले सवालात (FAQs) – ( 5 Great Prophets The Ulul Azm Hindi )

1. उलुल अज़्म पैग़म्बर किसे कहा जाता है?

जवाब – उलुल अज़्म पैग़म्बर वो रसूल होते हैं जिनहोंने अल्लाह के पैग़ाम को सख़्त आज़माइशों, क़ौमी मुख़ालिफ़त, और तकलीफ़ों के बावजूद सब्र, हिम्मत और अज़्म के साथ पहुंचाया। ये रसूल सब्र और इस्तेक़ामत की बे-मिसाल मिसाल हैं।

2. क़ुरआन में उलुल अज़्म का ज़िक्र कहाँ आया है?

जवाब – क़ुरआन मजीद में सूरह अल-अहक़ाफ़ (46:35) में उलुल अज़्म रसूलों का ज़िक्र है:

“तो सब्र करो जैसे उलुल अज़्म रसूलों ने सब्र किया…” इसके अलावा सूरह अश-शूरा (42:13) में नबी नूह अलैहिस्सलाम, इब्राहीम अलैहिस्सलाम, मूसा अलैहिस्सलाम, ईसा अलैहिस्सलाम और हज़रत मुहम्मद ﷺ का ज़िक्र एक ही दीन की तरफ़ बुलाने के हवाले से आया है।

3. उलुल अज़्म रसूल कितने हैं और उनके नाम क्या हैं?

जवाब – उलुल अज़्म रसूल पाँच (5) हैं:

  1. नबी नूह अलैहिस्सलाम
  2. नबी इब्राहीम अलैहिस्सलाम

  3. नबी मूसा अलैहिस्सलाम

  4. नबी ईसा अलैहिस्सलाम

  5. हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा ﷺ

4. क्या हर पैग़म्बर उलुल अज़्म होता है?

जवाब – नहीं, हर पैग़म्बर उलुल अज़्म नहीं होता। उलुल अज़्म का दर्जा सिर्फ़ उन रसूलों को मिलता है जिनका इरादा, सब्र, और जज़्बा-ए-दावत सबसे बुलंद होता है। ये रसूल बड़ी आज़माइशों के साथ भेजे गए।

5. उलुल अज़्म पैग़म्बरों की ज़िन्दगी से हमें क्या सीख मिलती है?

जवाब – इन अज़ीम रसूलों की ज़िन्दगियाँ हमें सिखाती हैं कि मशक्कत, इम्तिहान, और रुकावटों के बावजूद अल्लाह पर तवक्कुल और हक़ की दावत देना नहीं छोड़ना चाहिए। इनकी ज़िन्दगियाँ हर मुसलमान के लिए रहनुमाई, सब्र, और दीन की मज़बूती की निशानी हैं।

जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे  – आमीन ।

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