रोज़ा ए रसूल ( 6 Things to Know About the Prophet Grave – Authentic Details )

रोज़ा ए रसूल ( 6 Things to Know About the Prophet Grave )

6 Things to Know About the Prophet Grave

पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) का रोज़ा मुबारक मदीना शरीफ़ की मस्जिद-ए-नबवी के अंदर मोजूद है। इसका गुंबद सन 1817 में तामीर हुआ था और 1837 में उस्मानी सुल्तान महमूद के ज़माने में इसे हरा रंग दिया गया। यह मकाम मुसलमानों के दिलों में गहरी अहमियत रखता है। दुनियाभर से रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम को सलाम पेश करने के लिए ज़ियारती आते हैं। मुसलमानो का यक़ीन है कि वो हमारी सलाम सुनते हैं और रोज़ा मुबारक से जवाब देते हैं।

1- सोने की जाली (दरियचा) ( 6 Things to Know About the Prophet Grave )

अंदर वाले कमरे की सैनी (दीवार) पर सोने की जाली लगी है, जो रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम के रोज़ा मुबारक के सामने है। इसके साथ-साथ यहां हज़रते अबू बकर रदिअल्लाहु ताला अन्हु     और उमर इब्न अल-ख़त्ताब रदिअल्लाहु ताला अन्हु की कब्रें भी मौजूद हैं।

2- उम्मुल मोमिनीन हज़रते आयशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) का मकान ( 6 Things to Know About the Prophet Grave )

रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम उसी मकान में आराम फरमा है जहाँ आपकी वफ़ात हुई थी, जो उम्मुल मोमिनीन आयशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) का मकान था। रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम की हयात  साधारण और छोटे मकानों में रहती थीं जो मस्जिद के बिलकुल नज़दीक थे। उम्मुल मोमिनीन आयशा और उम्मुल मोमिनीन हफ़्सा (रज़ियल्लाहु अन्हा) के मकान इतने क़रीब थे कि वे आपस में मुनाक़शात (गुफ्तुगू) किया करती थीं।

3- जाली में तीन सुराख़ (छेद) ( 6 Things to Know About the Prophet Grave )

जाली में तीन सुराख़ मौजूद हैं। सबसे बड़ा सुराख़ बाईं तरफ़ है, जो सीधे रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम के रोज़ा मुबारक की तरफ़ मुख़ करता है। बीच वाला सुराख़ अबू बकर रदिअल्लाहु ताला अन्हु की कब्र की ओर और दाहिना सुराख़ उमर रदिअल्लाहु ताला अन्हु की कब्र की तरफ़ है। इन सुराख़ों से आरामगाह साफ़ दिखाई नहीं देतीं लेकिन दिल को जुड़ा हुआ महसूस होता है।

4- कब्र के चारों तरफ़ की दीवारें और गुंबद ( 6 Things to Know About the Prophet Grave )

कमरे की दीवारें काले पत्थरों से बनी हैं, और ऊपर छत पर एक छोटा काला गुंबद है जिसे कुब्बत-अन-नूर कहा जाता है। कमरे का कोई दरवाज़ा नहीं है और यह पूरी तरह से बाहरी दुनिया से बंद है, सिर्फ गुंबद में एक छोटी सी खिड़की है जिसे सोने की जाली ने ढका हुआ है। यह दीवारें उमर बिन अब्दुल अजीज ने 91 हिजरी में बनवाई थीं ताकि कोई बिना इजाजत दाखिल न हो सके।

5- अतिरिक्त दीवार की तामीर और सुरक्षा ( 6 Things to Know About the Prophet Grave )

सुल्तान नूरुद्दीन ज़ेंगी ने आरामगाह के इर्द-गिर्द एक कमरा बनाया, जिसे पिघले हुए सीसे (शीशे) से भरा गया था क्योंकि कई गैर-मुसलिमों ने रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम के शरीफ जां बदन को चोरी करने की कोशिश की थी। यह सुरक्षा का ऐतबार था कि उनका मुबारक रोज़ा महफूज़ रहे।

6- आरामगाह वहीँ जहाँ आपकी वफ़ात हुई ( 6 Things to Know About the Prophet Grave )

रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम का रोज़ा उसी मकान में बनाया गया जहाँ आपने दुनिया से रुखसती ली । जब आपकी वफ़ात हुई तो लोगों ने फरमाया कि आपको खाश मक़ाम में और कुछ ने कहा कि बकी’ में आपका रोज़ा बनाया जाए। लेकिन अबू बकर (रज़ियल्लाहु अन्हु) ने फौरन कहा कि उन्होंने पैगंबर से सुना था कि पैगंबर का रोज़ा वहीं होता है जहाँ उनकी वफ़ात होती है।

जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे  – आमीन ।

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