मस्जिद अल हरम के इमाम 2024 ( Masjid Al haram Imam Hindi)
दीन ए इस्लाम में इमाम बेहद ही खाश मक़ाम होता है जो महासरे में लोगो की सरदारी और मस्जिद के अंदर नमाज़ में लोगो का नेतृत्व करता है । अल्लाह के दीन को लोगो तक पहुँचाना और आने वाली नस्लों को क़ुरआन की रौशनी में तालीम देना भी इमाम की जिम्मेदारियों में से एक है ।
मस्जिद अल हरम , अल्लाह सुब्हानवताला का दुनिया में मौजूद पहला घर है जिसकी इमामत की जिम्मेदारी भी बेहद खाश हो जाती है जब पूरी दुनिया के लोग काबा हज और उमराह के लिए आते है और जिस मस्जिद में रसूल और सहाबा ने नमाज़ अदा की हो ।

मस्जिद अल हरम में कितने इमाम है ? ( Masjid Al haram Imam Hindi )
मौजूदा वक़्त में मस्जिद अल हरम में कुल 10 इमाम है । जिनमे से शेख अब्दुल रहमान अल सुदैस मस्जिद अल हरम के मुख्य इमाम है ।
- शेख अब्दुल रहमान अल सुदैस
- शेख यासिर बिन अल-दोसारी
- शेख फैसल ग़ज़ावी
- शेख बंदर बलीलाह
- शेख अब्दुल्ला अवाद अल-जुहानी
- शेख सालेह अल हमैद
- शेख माहेर अल मुइकली
- शेख उस्माह अब्दुल अजीज अल-खय्यात
- शेख बद्र अल तुर्की
- शेख वलीद अश शमशन
मस्जिद अल हरम के इमाम ( Masjid Al haram Imam Hindi )
शेख अब्दुल रहमान अल सुदैस

1961 में सउदी अरब के कासिम में जन्मे, जनाब शेख अब्दुल रहमान अल सुदैस अपनी खूबसूरत आवाज़ और बेहतरीन इल्म के लिए इस्लामिक दुनिया में बेहद मशहूर है । आपने तकरीबन 12 साल की उम्र में ही क़ुरान का हाफ्ज़ा पूरा कर लिया था। शेख अब्दुल रहमान अल सुदैस ने शरिया में अपनी तालीम हासिल की और फिर उम्म अल कुरा यूनिवर्सिटी से आगे की तालीम पूरी करने के बाद 1995 में शरिया में पीएचडी भी मुक़म्मल की ।
शेख अब्दुल रहमान अल सुदैस को 1894 में मस्जिद अल हरम के इमाम के तौर पर नियुक्त किया गया था जब आप सिर्फ 22 साल के थे। आज आप मस्जिद अल हरम के खतीब और मुख्य इमाम होने के साथ साथ , मस्जिद अल हरम और मस्जिद ए नबवी के मामलात के लिए प्रेसीडेंसी के अध्यक्ष भी हैं।
शेख यासिर बिन अल-दोसारी

शेख यासिर अल दोसारी अल खर्ज़ के रहने वाले जिनके पास मस्जिद अल हरम में इमामत की मुबारक जिम्मेदारी है । इमाम मुहम्मद बिन सऊद इस्लामिक यूनिवर्सिटी से शरिया की तालीम हासिल करने के बाद फ़िक़्ह सब्जेक्ट के साथ आपने आगे की तालीम और फिर पीएचडी हासिल की।
शेख यासिर अल दोसारी आयत कुरानिक मीडिया ग्रुप के संस्थापक हैं और किंग सऊद यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में काम करते हैं। शेख यासिर अल दोसारी कई मस्जिदों के इमाम रहे हैं, जिनमें अब्दुल्लाह अल ख़ुलाफ़ी मस्जिद और शेख अब्दुल अज़ीज़ बिन बाज़ मस्जिद शामिल हैं। शेख यासिर अल दोसारी को 2015 में रमजान के मुबारक महीने में मस्जिद अल हरम में इमामत की मुबारक जिम्मेदारी दी गयी ।
शेख फैसल ग़ज़ावी

शेख फैसल ग़ज़ावी सऊदी अरब के शहर मक्का के ही रहने वाले है जिन्होंने ने 1996 में मास्टर डिग्री मुक़म्मल करने के बाद 2002 में उम्म अल कुरा यूनिवर्सिटी से पीएचडी भी हासिल की । आप मुहाजिरीन घराने से ताल्लुक रखते है और मौजूदा वक़्त में उम्म अल कुरा यूनिवर्सिटी में क़ुरान तिलावत और किरात के मामलो के मुखिया है जिन्हे 2008 में मस्जिद अल हरम के इमाम और 2016 में खतीब के तौर पर जिम्मेदार बनाया गया ।
शेख बंदर बलीलाह

सऊदी अरब के मक्का में ही शेख बंदर बलीलाह की विलादत हुई और यही रहकर आपने शुरुआती तालीम भी हासिल की जिसके बाद 2002 में उम्म अल कुरा यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री हासिल की। और उसके बाद मदीना में इस्लामिक यूनिवर्सिटी से 2008 में पीएचडी भी मुक़म्मल की । आप तैफ यूनिवर्सिटी में शरिया के प्रोफेसर के रूप में भी काम करते हैं और 2016 से मस्जिद अल हरम में इमाम और खतीब के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे है ।
शेख अब्दुल्ला अवाद अल जुहानी

शेख अब्दुल्ला अवाद अल जुहानी सऊदी अरब के मदीना के रहने वाले है जिन्होंने अपनी उम्र के शुरुआती सालो में कई बार मुबारक मस्जिद ,मस्जिद अल हरम में तिलावत ए क़ुरान के मुक़ाबले में हिस्सा लिया और हर बार अव्वल रहे। आपने इस्लामी शरीयत और तिलावत ए क़ुरान की तालीम उम्म अल कुरा यूनिवर्सिटी से पूरी की और फिर पीएचडी भी मुक़म्मल की । सन 2007 में आपको मस्जिद अल हराम में इमामत की जिम्मेदारी दी गयी । आप एकलौते इमाम है जिन्होंने मस्जिद क़िबलातिन, मस्जिद अल क़ुबा , मस्जिद अल हरम , मस्जिद ए नबवी और मस्जिद अल जिन्न में इमामत की । इसके साथ ही आप , मस्जिद अल हरम के सबसे कम उम्र के इमाम है ।
शेख सालेह अल हमैद

शेख सालेह अल हमैद सिर्फ 20 साल की उम्र में ही हाफिज ए क़ुरान हो गए थे , सऊदी अरब में ही आपकी विलादत हुई और शुरुआती तालीम बुरैदाह में मुक़म्मल करने के बाद आपने आगे की तालीम उम्म अल कुरा यूनिवर्सिटी से पूरी की । 1983 से तकरीबन 33 साल की उम्र से आप मस्जिद अल हरम में इमामत की जिम्मेदारी संभाल रहे है । शेख सालेह अल हमैद सऊदी अरब की रॉयल काउंसिल के सलाहकार भी हैं।
शेख माहेर अल मुइकली

शेख माहेर अल मुइकली सऊदी अरब के मदीना के रहने वाले है जिन्होंने अपनी तालीम उम्म अल कुरा यूनिवर्सिटी से पूरी की । शेख माहेर अल मुइकली को 2007 में मस्जिद अल हरम में तरावीह में इमामत करने के लिए एक इमाम के तौर पर जिम्मेदारी दी गयी ।
शेख उस्माह अब्दुल अजीज अल खय्यात

शेख उस्माह अब्दुल अजीज अल खय्यात मस्जिद अल हरम के सबसे पसंदीदा इमामों में से एक हैं और सऊदी अरब में शहर मक्का के ही रहने वाले है । आपने उम्म अल क़ुरा यूनिवर्सिटी से 1988 में डिग्री और 1998 में पीएचडी मुक़म्मल की । शेख उसामा अल खय्यात को 1997 में राजा फहद बिन अब्दुल अजीज अल सऊद द्वारा मस्जिद अल हरम के इमाम और खतीब के रूप में नियुक्त किया गया था। आप शौरा काउंसिल के सदस्य और उसूल दीन और उम्म अल क़ुरा यूनिवर्सिटी में दावाह मामलों के प्रोफेसर भी हैं।
शेख बद्र अल तुर्की

शेख बद्र अल तुर्की को मेहमान इमाम के तौर पर रमजान 2024 में मस्जिद अल हरम में जिम्मेदारी दी गयी थी और फिर 7 माह के बाद आपको अक्टूबर 2024 में ही मस्जिद अल हरम में इमाम के तौर पर जिम्मेदार बना दिया गया।
शेख वलीद अश शमशन

शेख वलीद अश शमशन को मेहमान इमाम के तौर पर रमजान 2024 में मस्जिद अल हरम में जिम्मेदारी दी गयी थी और फिर 7 माह के बाद आपको अक्टूबर 2024 में ही मस्जिद अल हरम में इमाम के तौर पर जिम्मेदार बना दिया गया।
जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे – आमीन ।
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