खाना ए काबा का दरवाज़ा ( Door of the Kaaba Hindi )
खाना ए काबा का दरवाज़ा मशरिक़ ( ईस्ट ) की तरफ मौजूद है। जो आज ज़मीन से 7 फ़ीट ऊपर है, और सोने से बना है जिस पर मुक़द्दस क़ुरआन की आयत लिखी हुई है।
नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम ने 5000 साल पहले आपके बेटे नबी इस्माइल अलैहिस्सलाम के साथ खाना ए काबा की तामीर की थी। जिसमे सिर्फ 4 दीवारें थी । अंदर आने और बहार जाने के लिए 2 रास्ते बनाये गए थे। पर कोई छत या दरवाज़ा नहीं लगाया गया था। तारीख के जानकारों के मुताबिक , तकरीबन चौथी शताब्दी में यमनी बादशाह तुब्बा ने लकड़ी से बने दरवाजे, खाना ए काबा में लगाए थे।
क़ुरैश कबीले के वक़्त खाना ए काबा का दरवाजा ( Door of the Kaaba in time of the Quraysh )
जब क़ुरैश कबीले ने खाना ए काबा की तामीर और मरम्मत की तो उन्होंने काबा के मशरिक़ ( ईस्ट ) की तरफ मौजूद दरवाजे को ज़मीन से ऊपर कर दिया था। ताकि खाना ए काबा को बारिश के पानी से बचाया जा सके और लोगो की भीड़ को काबा में आने से रोका जा सके। इसके साथ ही दूसरे दरवाजे को बंद कर दिया गया।
काबा के दरवाज़े को क्या कहते है ? ( name of the Door of the Kaaba )
मौजूदा खाना ए काबा के दरवाजे का नाम ” बाब अर रहमा ” है याने ” रहमत का दरवाज़ा” । आज ये एकलौता दरवाजा है जिससे खाना ए काबा के अंदर जाया जा सकता है और इसकी मुबारक चाबी की जिम्मेदारी रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम के वक़्त से ही बनु सायबा खानदान के पास है और ताकयामत तक, ये जिम्मेदारी उन्हें दे दी गयी है।
सुल्तान मुराद के वक़्त बना काबा का दरवाजा ( Door of the Kaaba in era of king murad )
सन 1630 में उस्मानिया हुकूमत के सुल्तान मुराद की हुकूमत में खाना ए काबा की तामीर और मरम्मत करवाई गयी थी । सुल्तान ने मिश्र के कारसाजो को नया दरवाजा बनाने का काम दिया जिसे सोने और चांदी से सजाया गया था। यह दरवाजा 300 साल से ज्यादा वक़्त तक लगा रहा और फिर इसे सऊदी अरब में अरब हुकूमत आने के बाद बदला गया। ये दरवाजा आज भी मौजूद है और अबू धाबी के म्यूजियम में रखा गया है।
किंग अब्दुल अज़ीज़ बिन सऊद के वक़्त बना काबा का दरवाजा ( Door of the Kaaba in era of king abdul aziz bin saud )
सन 1944 में किंग अब्दुल अज़ीज़ की हुकूमत के दौरान , काबा का दरवाजा बदला गया था। नया दरवाजा अल्युमिनियम से बना था , लोहे के सहारे दीवारों से जुड़ा हुआ दरवाजा जिसमे सोने और चांदी की कारीगिरी की गयी थी।
किंग खालिद के वक़्त बना काबा का दरवाजा ( Door of the Kaaba in era of king khalid )
ये दरवाजा, खाना ए काबा का मौजूदा दरवाजा है। जो की 2.5 सेंटीमीटर मोटे अलुमिनियम से बना है और 3.1 मीटर ऊंचा है। इस दरवाजे पर तकरीबन 280 किलोग्राम सोना लगा हुआ है जिसे अहमद बिन इब्राहिम बद्र ने अपनी कारीगरी से बनाया था। इससे पहले भी सन 1942 में अहमद बिन इब्राहिम बद्र के वालिद , इब्राहिम बद्र ने इस दरवाजे में चांदी और सोने की कारीगरी की थी।
खाना ए काबा के दरवाजे को कब खोला जाता है ? ( WhenDoor of the Kaaba gets open?)
एक वक़्त था जब काबा के दरवाजे को हफ्ते में 2-3 मर्तबा खोला जाता था और आम मुसलमान उसके अंदर जा सकता था। बदलते वक़्त और तादात की वजह से काबा को आज साल में सिर्फ 2 मर्तबा खोला जाता है, पहली शाबान को रमज़ान से पहले और माहे मुहर्रम की 15 तारीख़ को। इसके अलावा हुकूमती वजह से भी इसे खोला जाता रहा है।
जज़ाकल्लाह खैर।
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