फ़ज्र की अज़ान अहमियत और ख़ासियत ( Fajr adhan prayer calling hindi English Arabic – Day’s 1st Prayer Call – Authentic Details)

फ़ज्र की अज़ान अहमियत और ख़ासियत ( Fajr adhan prayer calling hindi English Arabic)

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Fajr adhan prayer calling hindi

इस्लाम में पाँच वक्त की नमाज़ की दावत देने के लिए अज़ान दी जाती है। अज़ान का मक़सद सिर्फ़ नमाज़ की याद दिलाना नहीं बल्कि अल्लाह तआला की बड़ाई और तौहीद का ऐलान करना भी है। फ़ज्र की अज़ान बाक़ी चार नमाज़ों की अज़ान से थोड़ी मुख़्तलिफ़ (अलग) होती है, क्योंकि इसमें एक ज्यादा हिस्सा (extra phrase) पढ़ा जाता है:

“الصلاة خير من النوم” (अस-सलातु खैरुम मिनन-नौम)
मतलब – “नमाज़ नींद से बेहतर है।”

यह हिस्सा सिर्फ़ फ़ज्र की अज़ान में कहा जाता है, क्योंकि यह वह वक़्त है जब इंसान गहरी नींद में होता है, और नमाज़ के लिए उठना नफ़्स (self) और आलस्य पर ग़ालिब आने का सबूत है।

फ़ज्र की अज़ान ( Fajr adhan prayer calling hindi English Arabic)

1. अरबी (Arabic)

اللَّهُ أَكْبَرُ اللَّهُ أَكْبَرُ
اللَّهُ أَكْبَرُ اللَّهُ أَكْبَرُ
أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلٰهَ إِلَّا اللَّهُ
أَشْهَدُ أَنْ لَا إِلٰهَ إِلَّا اللَّهُ
أَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا رَسُولُ اللَّهِ
أَشْهَدُ أَنَّ مُحَمَّدًا رَسُولُ اللَّهِ
حَيَّ عَلَى الصَّلَاةِ
حَيَّ عَلَى الصَّلَاةِ
حَيَّ عَلَى الْفَلَاحِ
حَيَّ عَلَى الْفَلَاحِ
الصلاة خير من النوم
الصلاة خير من النوم
اللَّهُ أَكْبَرُ اللَّهُ أَكْبَرُ
لَا إِلٰهَ إِلَّا اللَّهُ

2. हिंदी (देवनागरी लिपि)

अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाह
अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाह
अशहदु अन्ना मुहम्मदन रसूलुल्लाह
अशहदु अन्ना मुहम्मदन रसूलुल्लाह
हय्या अलस्सलाह
हय्या अलस्सलाह
हय्या अलल्फलाह
हय्या अलल्फलाह
अस्सलातु खैरुम मिनन्नौम
अस्सलातु खैरुम मिनन्नौम
अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर
ला इलाहा इल्लल्लाह

3. हिंग्लिश (Roman Hindi/Urdu)

Allahu Akbar, Allahu Akbar
Allahu Akbar, Allahu Akbar
Ash-hadu alla ilaha illallah
Ash-hadu alla ilaha illallah
Ash-hadu anna Muhammadan Rasoolullah
Ash-hadu anna Muhammadan Rasoolullah
Hayya ‘alas-Salah
Hayya ‘alas-Salah
Hayya ‘alal-Falah
Hayya ‘alal-Falah
As-salatu khairum minan-nawm
As-salatu khairum minan-nawm
Allahu Akbar, Allahu Akbar
La ilaha illallah

4. मीनिंग ( Fajr adhan prayer calling hindi English Arabic)

  • Allahu Akbar (الله أكبر)
    Allah is the Greatest | अल्लाह सबसे बड़ा है

  • Ash-hadu alla ilaha illallah (أشهد أن لا إله إلا الله)
    I bear witness that there is no deity except Allah | मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं

  • Ash-hadu anna Muhammadan Rasoolullah (أشهد أن محمدًا رسول الله)
    I bear witness that Muhammad is the Messenger of Allah | मैं गवाही देता हूँ कि हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम अल्लाह के रसूल हैं

  • Hayya ‘alas-Salah (حي على الصلاة)
    Come to Prayer | नमाज़ की तरफ़ आओ

  • Hayya ‘alal-Falah (حي على الفلاح)
    Come to Success | कामयाबी की तरफ़ आओ

  • As-salatu khairum minan-nawm (الصلاة خير من النوم)
    Prayer is better than sleep | नमाज़ नींद से बेहतर है

  • La ilaha illallah (لا إله إلا الله)
    There is no god but Allah | अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं

फ़ज्र की अज़ान बाक़ी अज़ानों से अलग क्यों? ( Fajr adhan prayer calling hindi English Arabic)

  • नींद से जगाने की हिकमत – फ़ज्र का वक़्त गहरी नींद का होता है। इसीलिए इसमें “अस्सलातु खैरुम मिनन्नौम” कहा जाता है।

  • अल्लाह की याद की दावत – इंसान को याद दिलाया जाता है कि असली कामयाबी नमाज़ में है, नींद या आराम में नहीं।

  • हदीस से सबूत – हज़रत अबू महज़ूरा (रज़ि.) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने उन्हें सिखाया कि फ़ज्र की अज़ान में “अस्सलातु खैरुम मिनन्नौम” दो बार कहना है। (सुनन अबू दाऊद, हदीस 500)

कुरआन और हदीस से दलील ( Fajr adhan prayer calling hindi English Arabic)

  • कुरआन:
    अल्लाह तआला फरमाते है – 
    “إِنَّ الصَّلَاةَ كَانَتْ عَلَى الْمُؤْمِنِينَ كِتَابًا مَوْقُوتًا”
    (सूरह अन-निसा 4:103)
    “नमाज़ मोमिनों पर वक़्त मुक़र्रर कर के फ़र्ज़ की गई है।”

  • हदीस:
    हज़रत अबू महज़ूरा (रज़ि.) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया कि फ़ज्र की अज़ान में “अस्सलातु खैरुम मिनन्नौम” दो बार कहना है।
    (सुनन अबू दाऊद, हदीस 500)

फ़ज्र की अज़ान हमें यह सिखाती है कि अल्लाह की इबादत नींद और आराम से बढ़कर है। जो मोमिन इस पुकार पर उठता है, वह अल्लाह के क़रीब होता है और दिनभर के लिए बरकत हासिल करता है।

फ़ज्र की अज़ान – इसका जवाब कैसे दें? ( Fajr adhan prayer calling hindi English Arabic)

जब मुअज़्ज़िन अज़ान देता है, तो सुनने वाले मुसलमान पर यह सुन्नत है कि वह हर हिस्से का जवाब दे। इससे बहुत बड़ा सवाब मिलता है।

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया –  “जब तुम अज़ान सुनो तो वही अल्फ़ाज़ कहो जो मुअज़्ज़िन कहता है।” (सहीह मुस्लिम, हदीस 385)

फ़ज्र की अज़ान का जवाब ( Fajr adhan prayer calling hindi English Arabic)

1. आम अज़ान के जवाब
  • अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर → सुनने वाला भी कहे –अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

  • अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाह → कहे – अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाह

  • अशहदु अन्ना मुहम्मदन रसूलुल्लाह → कहे – अशहदु अन्ना मुहम्मदन रसूलुल्लाह

2. हय्या अलस्सलाह (حي على الصلاة)
  • जवाब – “لا حول ولا قوة إلا بالله”
    La hawla wa la quwwata illa billah
    मतलब – “कोई ताक़त और कोई क़ुव्वत नहीं सिवाय अल्लाह के।”

3. हय्या अलल्फलाह (حي على الفلاح)
  • जवाब – “لا حول ولا قوة إلا بالله”
     मतलब वही – कामयाबी और मदद सिर्फ़ अल्लाह से मिलती है।

4. फ़ज्र की अज़ान का ख़ास हिस्सा
  • अस्सलातु खैरुम मिनन्नौम (الصلاة خير من النوم)
    सुनने वाला दोहराए: “صدقت وبررت” (Sadaqta wa bararta)
     मतलब: “आपने सच कहा और भलाई की ओर बुलाया।”

(कुछ उलमा के नज़दीक यहाँ भी वही अल्फ़ाज़ दोहराए जाते हैं: “अस्सलातु खैरुम मिनन्नौम।” दोनों तरीक़े सही हैं।)

5. अज़ान का आख़िरी हिस्सा
  • ला इलाहा इल्लल्लाह → सुनने वाला भी कहे: ला इलाहा इल्लल्लाह

अज़ान के बाद की दुआ ( Fajr adhan prayer calling hindi English Arabic)

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने अज़ान ख़त्म होने के बाद यह दुआ पढ़ने की तालीम दी –

اللَّهُمَّ رَبَّ هذِهِ الدَّعْوَةِ التَّامَّةِ، وَالصَّلَاةِ القَائِمَةِ، آتِ مُحَمَّدًا الوَسِيلَةَ وَالفَضِيلَةَ، وَابْعَثْهُ مَقَامًا مَحْمُودًا الَّذِي وَعَدْتَهُ
(सहीह बुख़ारी, हदीस 614)

हिंग्लिश:
Allahumma Rabba hadhihi da‘watit-taammah, was-salaatil-qaa’imah, aati Muhammadanil-waseelata wal-fadheelah, wab‘ath-hu maqaaman mahmoodan alladhi wa‘adtah.

मतलब (हिंदी):
“ऐ अल्लाह! इस पूरी पुकार (अज़ान) और क़ायम की जाने वाली नमाज़ के रब, मुहम्मद सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम को वसीला और फ़ज़ीलत अता फ़रमा और उन्हें वह मक़ामे महमूद (शफ़ाअत का दर्जा) अता कर जो तूने वादा किया है।”

जो शख़्स अज़ान सुनकर मुकम्मल जवाब दे और बाद की यह दुआ पढ़े, उसे क़यामत के दिन रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम की शफ़ाअत नसीब होगी, इंशा’अल्लाह।

5 FAQs about Fajr Azaan ( Fajr adhan prayer calling hindi English Arabic)

Q1: फ़ज्र की अज़ान बाक़ी अज़ानों से अलग क्यों है?
इसमें “अस्सलातु खैरुम मिनन्नौम” कहा जाता है, जो नींद से जगाने और नमाज़ की अहमियत बताने के लिए है।

Q2: यह जुमला कितनी बार कहा जाता है?
“अस्सलातु खैरुम मिनन्नौम” दो बार कहा जाता है।

Q3: क्या और किसी अज़ान में यह जुमला कहा जाता है?
नहीं, यह सिर्फ़ फ़ज्र की अज़ान के लिए ख़ास है।

Q4: फ़ज्र की अज़ान सुनकर क्या करना चाहिए?
जवाब में वही अल्फ़ाज़ दोहराने चाहिए, लेकिन “हय्या अलस्सलाह” और “हय्या अलल्फलाह” पर कहना चाहिए “ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह।”

Q5: क्या औरतें भी अज़ान कह सकती हैं?
औरतों पर अज़ान फ़र्ज़ नहीं है, मगर नमाज़ पढ़ना फ़र्ज़ है।

जज़ाकल्लाह खैर।

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