सीरिया (शाम) से नबियों का रिश्ता ( Islamic history of Syria Hindi )

सीरिया (शाम) से नबियों का रिश्ता ( Islamic history of Syria Hindi )

Islamic history of Syria Hindi

शाम जिसे आज हम सीरिया के नाम से जानते हैं, इस्लामी तारीख़ में एक मुक़द्दस सरज़मीन मानी जाती है। कुरआन और हदीस में इस सरज़मीन का ज़िक्र कई बार आया है। यहाँ कई अम्बियाओं ने पैग़ाम-ए-तौहीद दिया, और कुछ की क़ब्रें भी इसी ज़मीन में मौजूद हैं।

आईए, तफ़्सीली तौर पर जानते हैं कि कौन-कौन से नबी अलैहिस्सलाम का सीरिया से ताल्लुक़ रहा है –

1. नबी इब्राहीम अलैहिस्सलाम ( Islamic history of Syria Hindi )

  • ताल्लुक़: जब इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने उर (बाबुल) से हिजरत की, तो अपने अहल-ओ-अयाल के साथ हर्रान और फिर शाम के इलाक़ों की तरफ़ रवाना हुए।

  • उन्होंने वहाँ के लोगों को तौहीद की दावत दी और फिर मिस्र होते हुए मक्का की तरफ़ चले गए।

  • सूरह अल-अनकबूत (Quran 29:26) में नबी इब्राहिम अलैहिस्सलाम की हिजरत का जिक्र मौजूद है ।

सीरिया आपका एक गुज़रगाह और तबलीग़ का मरहला रहा।

2. नबी लूत अलैहिस्सलाम ( Islamic history of Syria Hindi )

  • ताल्लुक़: आप नबी इब्राहीम अलैहिस्सलाम के भतीजे थे। उन्हें सदोम व अमोरा की कौम की तरफ़ नबी बना कर भेजा गया, जो कि मौजूदा सीरिया, जॉर्डन और फिलिस्तीन की सरहद पर था।

  • आपकी कौम को अल्लाह ने उनके गुनाहों की वजह से हलाक कर दिया।

  • सूरह हूद (11:82-83), सूरह अल-अ’राफ़ (7:80) में लूत अलैहिस्सलाम की उम्मत और उससे जुड़े वाक़ये का इल्म मौजूद है ।

ये इलाक़ा आज के दक्षिणी सीरिया से बहुत क़रीब है।

3. नबी अय्यूब अलैहिस्सलाम ( Islamic history of Syria Hindi )

  • ताल्लुक़: आलिमो का मानना है कि नबी अय्यूब अलैहिस्सलाम शाम के इलाक़े हौरान (सीरिया का दक्षिणी हिस्सा) में रहते थे।

  • आपको बेशुमार आज़माइशों से गुज़ारा गया — बीमारी, माल का नुक़सान और औलाद की मौत।

  • सूरह साद (38:41-44), सूरह अल-अंबिया (21:83-84) में इसका इल्म मौजूद है ।

हौरान में आपकी मक़बूरियत की जगह आज भी मौजूद मानी जाती है।

4. नबी ज़करिया अलैहिस्सलाम ( Islamic history of Syria Hindi )

  • ताल्लुक़: नबी ज़करिया अलैहिस्सलाम बैतुल-मक़दिस में इमाम थे। उन्हें भी शाम की सरज़मीन में शहीद किया गया, और कुछ रिवायतों के मुताबिक उनकी क़ब्र दमिश्क़ के क़रीब है।

  • सूरह मरयम (19:2-11) में अल्लाह सुब्हानवताला ने उम्मत ए मुहम्मद को ज़करिया अलैहिस्सलाम का इल्म अता किया ।

दमिश्क़ को आपके मिशन और शहादत से मनसूब किया जाता है।

5. नबी यह्या अलैहिस्सलाम (यूहन्ना / जॉन द बैप्टिस्ट) ( Islamic history of Syria Hindi )

  • ताल्लुक़: नबी ज़करिया अलैहिस्सलाम के बेटे और नबी ईसा अलैहिस्सलाम के हम-ज़माना।

  • आपको भी दमिश्क़ में शहीद किया गया। आपका सर मुबारक को आपके मुबारक जिस्म से अलग कर दिया गया था जिसका मक़ाम उम्मयद मस्जिद, दमिश्क़ में माना जाता है।

  • सूरह मरयम (19:7-15) में नबी याह्या अलैहिस्सलाम का जिक्र मौजूद है ।

उम्मयद मस्जिद दीन ए इस्लाम में  एक अज़ीम मुक़ाम है।

6. नबी ईसा अलैहिस्सलाम (Jesus) ( Islamic history of Syria Hindi )

  • ताल्लुक़: नबी ईसा अलैहिस्सलाम ने शाम और फिलिस्तीन में तबलीग़ की।

  • हदीस के मुताबिक़, क़ियामत के क़रीब वो दमिश्क़ के शर्क़ी हिस्से में मौजूद “सफेद मीनार” पर नुज़ूल फ़रमाएँगे।

  • हदीस-ए-पाक: “ईसा बिन मरयम दमिश्क़ के मशरिक़ में सफेद मीनार पर नाज़िल होंगे…” (सहीह मुस्लिम: 2937)

ये मीनार आज भी उम्मयद मस्जिद का हिस्सा है।

7. नबी इलियास अलैहिस्सलाम (Elijah)( Islamic history of Syria Hindi )

  • ताल्लुक़: आपको बअलबक़ (Lebanon) की क़ौम की तरफ़ भेजा गया, जो कि तारीख़ी शाम का हिस्सा है।

  • उन्होंने बअल ( बाल ) नामी बुत की इबादत से लोगों को रोका।

  • सूरह साफ़्फ़ात (37:123-132) में अल्लाह सुब्हानवताला इसका इल्म अता किया है ।

बअलबक़ आज लुबनान में है, लेकिन पहले सीरिया-शाम का अहम हिस्सा था।

8. नबी अल-यासा अलैहिस्सलाम (Elisha)( Islamic history of Syria Hindi )

  • ताल्लुक़: नबी इलियास अलैहिस्सलाम के जानशीन और शागिर्द। आपने भी उसी इलाक़े में तबलीग़ की।

  • सूरह साद (38:48), सूरह अल-अन’आम (6:86) में आपसे जुड़ा इल्म मौजूद है ।

शाम का शुमाली हिस्सा उनकी दावत-ओ-तबलीग़ का मरकज़ रहा।

शाम की बरकतें – हदीसों की रौशनी में ( Islamic history of Syria Hindi )

रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो अलय्हि वसल्लम  ने फ़रमाया – “शाम बहुत मुबारक सरज़मीन है!” (तिरमिज़ी: 3954)

  • यहाँ हज़ारों सहाबा, औलिया और उलमा तशरीफ़ लाए।

  • आखिरी ज़माने में भी ये इलाक़ा अहम् रोल अदा करेगा – ख़ास कर नबी ईसा अलैहिस्सलाम का नुज़ूल

सीरिया (शाम) ना सिर्फ़ तारीखी तौर पर, बल्कि रूहानी एतिबार से भी बेहद अहम है। यहाँ अम्बिया अलैहिस्सलाम की तबलीग़, शहादत और अजमाइशें आज भी इंसानियत के लिए सबक हैं। ये सरज़मीन क़यामत तक इस्लामी तारीख़ की एक अज़ीम मिसाल बनी रहेगी।

जज़ाकल्लाह खैर। अल्लाह सुब्हानवताला इस कोशिश में हुई छोटी बड़ी गलती को माफ़ करे  – आमीन ।

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