मदीना मुनव्वरा इस्लाम की दूसरी सबसे मुक़द्दस शहर है, जहाँ नबी-ए-अकरम सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने हिजरत फ़रमाई, जहाँ सहाबा किराम ने अपनी जानें क़ुर्बान कीं और जहाँ आज भी हर मुसलमान का दिल खिंचता है। उमरा के सफ़र में मदीना का क़याम एक रूहानी तजुर्बा होता है।
नीचे उन तमाम जगहों की तफ़सील दी गई है जिन्हें मदीना में रहते हुए ज़रूर देखना चाहिए।
1. मस्जिद-ए-नबवी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
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यह वो जगह है जहाँ हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम की रौज़ा-ए-मुबारक मौजूद है।
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मस्जिद-ए-नबवी इस्लाम की दूसरी सबसे मुक़द्दस मस्जिद है।
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यहाँ नमाज़ पढ़ने का अज्र और सवाब मक्का के बाद सबसे ज़्यादा है।
तफ़सील:
मस्जिद-ए-नबवी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम हर मुसलमान का ख़्वाब है। यहाँ दाख़िल होते ही दिल पर सुकून उतरता है। रौज़ा-ए-रसूल सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम के क़रीब जाकर सलाम पेश करना और मस्जिद के गुम्बद व मीनारों को देखना रूहानी कैफ़ियत पैदा करता है।
2.रावदाह ( रिआज़ उल जन्नत) ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
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मस्जिद-ए-नबवी में मौजूद, मिंबर और रोज़ा मुबारक के बीच का इलाक़ा।
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नबी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया: “रावदाह मिन रियाज़ुल जन्नत” — यानी यह जन्नत के बाग़ों में से एक बाग़ है।
तफ़सील:
रावदाह में दुआ क़बूलियत की जगह है। यहाँ नमाज़ पढ़ने और दुआ करने की तमन्ना हर ज़ाएरीन को होती है। भीड़ बहुत रहती है लेकिन सब्र और सलीक़े से वक़्त मिल सकता है।
3. मस्जिद-ए-क़ुबा ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
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इस्लाम की सबसे पहली मस्जिद।
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यहाँ दो रकअत नमाज़ पढ़ना उमरा का सवाब है।
तफ़सील:
नबी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम जब मदीना आए तो सबसे पहले यहाँ मस्जिद की तामीर की। यहाँ नमाज़ पढ़ना ऐसा है जैसे उमरा किया हो।
4. मस्जिद-ए-क़िब्लतैन ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
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“दो क़िब्ले वाली मस्जिद” के नाम से मशहूर।
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यहाँ पर नमाज़ के दौरान क़िबला यरुशलम से मक्का की तरफ़ बदल दिया गया।
तफ़सील:
यह इस्लामी तारीख़ का एक अज़ीम मोड़ था। यहाँ जाकर हर मुसलमान उस वाक़े को याद करता है जहाँ अल्लाह का हुक्म उतरा और क़िबला बदल दिया गया।
5. जनतुल बक़ी (कब्रिस्तान-ए-बक़ी) ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
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मस्जिद-ए-नबवी के पास वाक़े।
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सहाबा-ए-किराम, उम्महातुल मोमिनीन और नबी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम के अहल-ए-बैत यहाँ दफ़्न हैं।
तफ़सील:
जनतुल बक़ी में क़दम रखते ही सहाबा की कुर्बानियों की याद ताज़ा होती है। यहाँ चुपचाप दुआ और फ़ातिहा पढ़ी जाती है।
6. जबल-ए-उहुद ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
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मशहूर ग़ज़वा-ए-उहुद का मैदान।
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हज़रत हम्ज़ा रज़ियल्लाहु अन्हु और कई सहाबा यहीं शहीद हुए।
तफ़सील:
जबल-ए-उहुद की ज़ियारत रूह को झकझोर देती है। नबी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया था – “उहुद हमसे मोहब्बत करता है और हम उससे मोहब्बत करते हैं।”
7. सबआ मसाजिद (सात मस्जिदें) ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
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उहुद के पास सात छोटी मस्जिदें।
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यहाँ ग़ज़वात और सहाबा की दुआओं की यादें महफ़ूज़ हैं।
तफ़सील:
आज इनमें से कुछ मस्जिदें मौजूद हैं। यह इलाक़ा मदीना की जंगों और तारीख़ की निशानी है।
8. दर-उल-मदीना म्यूज़ियम ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
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मदीना की तारीख़ और इस्लामी विरासत का बड़ा म्यूज़ियम।
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यहाँ क़दीमी दस्तावेज़ और आर्टिफ़ैक्ट्स मौजूद हैं।
तफ़सील:
यहाँ की सैर आपको नबी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम के दौर और बाद की तारीख़ समझने में मदद करती है।
9. हिजाज़ रेलवे म्यूज़ियम ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
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उस्मानी दौर की रेल का नज़ारा।
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मदीना को दुनिया से जोड़ने वाली रेलवे का इतिहास।
तफ़सील:
आज भी पुराने डिब्बे और इंजन्स यहाँ देखे जा सकते हैं।
10. वादी-ए-जिन्न ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
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मदीना के पास एक घाटी।
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यहाँ गाड़ियों के अपने-आप चलने की मशहूर बात है।
तफ़सील:
लोग इसे “मैग्नेटिक हिल” कहते हैं। ज़ाएरीन यहाँ जाकर हैरत महसूस करते हैं।
लिस्ट फ़ॉर्म ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
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मस्जिद-ए-नबवी सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम
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रियाजुल जन्नाह
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मस्जिद-ए-क़ुबा
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मस्जिद-ए-क़िब्लतैन
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जनतुल बक़ी
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जबल-ए-उहुद
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सबआ मसाजिद
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दर-उल-मदीना म्यूज़ियम
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हिजाज़ रेलवे म्यूज़ियम
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वादी-ए-जिन्न
5 आम पूछे जाने वाले सवाल (FAQ) ( Umrah Trip Top 10 Places to Visit in Madinah)
Q1: क्या उमरा के दौरान मदीना जाना ज़रूरी है?
Ans: फ़र्ज़ नहीं है, लेकिन बहुत सुन्नत और बरकत वाली जगह है।
Q2: मस्जिद-ए-नबवी में नमाज़ पढ़ने का सवाब कितना है?
Ans: एक नमाज़ का सवाब हज़ार नमाज़ों से बेहतर है ।
Q3: रियाजुल जन्नाह में कैसे दाख़िल हुआ जाए?
Ans: अब बुकिंग Nusuk App से होती है, वहाँ से वक़्त लेना पड़ता है।
Q4: जनतुल बक़ी में औरतें जा सकती हैं?
Ans: आमतौर पर सिर्फ़ मर्दों को इजाज़त होती है, औरतें बाहर से दुआ कर सकती हैं।
Q5: जबल-ए-उहुद किस लिए मशहूर है?
Ans: यहाँ ग़ज़वा-ए-उहुद हुआ था और सहाबा-ए-किराम शहीद हुए।
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