दास्तान ए मलायका इसराफ़ील अलैहि Who is Angel Israfil in Islam in Hindi
मलायका इसराफील अलैहिस्सलाम कौन है ? ( Who is angel israfil in islam )
इसराफील अलैहिस्सलाम , अल्लाह सुब्हानवताला के ताक़तवर मलायका में से एक है जिनके पास ऐसी जिम्मेदारी है जिससे दुनिया तबाह कर दी जाएगी, सूर फूकने की। फरिस्ता एक फ़ारसी लफ्ज़ है। जिन्हे अल्लाह सुब्हानवताला ने क़ुरान में मलायका कह कर पुकारा है।
मलायका इसराफील अलैहिस्सलाम को अल्लाह सुब्हानवताला ने सूर फूकने की जिम्मेदारी दी है। लोहे मेहफ़ूज़ के क़रीब और अल्लाह सुब्हानवताला के सबसे करीब , इसराफील अलैहिस्सलाम सूर को फूकने के लिए तैयार बैठे है। और बिना पलक झपकाए हुकुम ए इलाही के इंतज़ार में है , जिससे आपकी आँखे कांच के जैसी हो चुकी है। पर खौफ ए खुदा में रुक गयी है , कहि पलक झपकी और हुकुम ए इलाही न हो जाये , अल्लाह हु अकबर।
मलायका इसराफील अलैहिस्सलाम की तफ्सील ( Physical Appearance of angel Israfil AS)
अल्लाह सुभानवताला ने इसराफील अलैहिस्सलाम को चार मुबारक परो से नवाज़ा है। जिनमे से 2 को आपने मशरिक से मगरिब तक फैला कर रखा हुआ है , एक से आपने अपने पैरो को ढाका है और एक पर आपने अपने ऊपर रखा है। ताकि नूर ए खुदा की तपिश आपको जला न दे। सीधे हाथ से सूर को पकडे हुए इसराफील अलैहिस्सलाम का चेहरा मुबारक , अल्लाह सुब्हानवताला के तख्त की तरफ है। मालिके क़ायनात के सबसे करीब मलायका इसराफील अलैहिस्सलाम, अल्लाह सुब्हानवताला के तख्त से 7 पर्दो की दूरी पर है। जहां हर परदे के बीच की दूरी 500 साल है। इसराफील अलैहिस्सलाम का कद इतना बड़ा है, की अगर आपका एक आंसू दुनिया तक पंहुचा तो, नूह अलैहिस्सलाम के वक़्त का ज़लज़ला आ जायेगा ।
क़ुरान में मलायका इसराफील अलैहिस्सलाम का जिक्र ( angel Israfil AS in Quran)
क्या क़ुरान में इसराफील अलैहिस्सलाम का जिक्र मौजूद है ? अल्लाह सुब्हानवताला ने क़ुरआन में जिब्राइल अलैहिस्सलाम , मिकाइल अलैहिस्सलाम , मलिकुल मौत के नाम तो शामिल किये पर इसराफील अलैहिस्सलाम को नाम से नहीं पुकारा । रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने सहाबियों को साहिब ए सूर , और क़यामत के अनक़रीब होने का इल्म दिया था। और उम्मत को “हस्बुनल्लाही व नियामल वकील ” का जिक्र करने को कहा था याने अल्लाह सुब्हानवताला हमारे लिए काफी है जो सबसे बड़ा कारसाज़ तमाम मामलो को निपटाने वाला है। साहिब ए सूर को , नबी सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने बिना नाम के पुकारा ।
हज़रते आयशा रदिअल्लहु ताला अन्हा ने फ़रमाया – जब रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम सलातुल तहज्जुद शुरू करते तो 3 मलायका का नाम लिया करते थे। ” अल्लाह हुम्मा रब्बा जिब्रील व मिकाइल व इसराफील … ” जिब्राइल अलैहिस्सलाम जो वही लेकर आये , मिकाइल अलैहिस्सलाम जो बारिश और रिज़्क़ के ज़िम्मेदार है और इसराफील अलैहिस्सलाम जिनके सूर फूकने से दुनिया खत्म कर दी जाएगी , और फिर से उठा ली जाएगी और जिनका रब , अल्लाह सुब्हानवताला है जो सबसे ऊपर है।
ईसाई और यहूदी मज़हब में मलायका इसराफील अलैहिस्सलाम का जिक्र ( angel Israfil AS in Judaism and Christianity)
पूरी दुनिया के स्कॉलर्स और आलिमो ने इस बात पर रज़ामंदी की है की इसराफील अलैहिस्सलाम , साहिब ए सूर है । न सिर्फ मुसलमान बल्कि यहूदी और ईसाई मामलात के आलिम और अहले किताब को जानने वालो ने इसराफील अलैहिस्सलाम को साहिब ए सूर माना है। जिनकी किताबो में भी अल्लाह सुब्हानवताला ने सूर और क़यामत का इल्म अता किया । बुक ऑफ़ डेड में इसराफील अलैहिस्सलाम का जिक्र सबसे पुराने फ़रिश्ते के तौर पर मौजूद है। ईसाई इसराफील अलैहिस्सलाम को 4 खास फ़रिश्तो में से एक मानते है। और आर्क एंजेल रफायल पुकारते है। यहूदी भी , सूर को अपने घरो में रखते है और इसे मज़हब का मुक़द्दस निशान मानते है।
जब मलायका इसराफील अलैहिस्सलाम दुनिया में आये ( When angel Israfil AS Came down to earth )
एक मर्तबा हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम, रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम के साथ थे और अचानक आसमान को चीरकर एक मलायका सरदार ए अम्बिया सल्लाहो अलय्हि वसल्लम के पास आये। जिस घडी जिब्राइल अलैहिस्सलाम ने, आसमान से आये मलायका को देखा , आपने अपना कद छोटा कर लिया। अपने आपको समेट लिया । आसमानी मलायका ने नबीये पाक से फ़रमाया, या रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम , मुझे रब ने भेजा है एक पैगाम के साथ । आपके फैसले को जानने के लिए। क्या रसूल ए खुदा अपनी नबूवत में एक बादशाह की ज़िन्दगी गुज़ारेंगे या नबूवत का वक़्त सिर्फ अल्लाह सुब्हानवताला की गुलामी में कटेगा। मेरे आका का फैसला , जिसने आपको जन्नत में सबसे अव्वल रखा , नबी दावूद अलैहिस्सलाम , नबी सुलेमान अलैहिस्सलाम ने नबूवत के साथ बादशाहत चुनी पर सरदार ए अम्बिया ने , नबूवत का वक़्त ग़ुरबत में गुज़ारा । सुभानअल्लाह। दौलत मिली तो तकसीम करदी और तंगी मिली तो रब को राज़ी करने का ज़रिया बनी।
मलायका नबी का फैसला लेकर चले गए। नबी ने हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम की तरफ देखा , अल्लाह हु अकबर हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम डरे हुए थे। डरी आवाज़ में , नबीये पाक से फ़रमाया, ये मलायका हज़रते इसराफील अलैहिस्सलाम थे । जो पहली बार दुनिया में आये और इस बात का डर था की कही क़यामत का हुकुम लेकर न आये हो। अल्लाह हु अकबर । क़यामत का ऐसा खौफ की फ़रिश्तो के सरदार हज़रते जिब्राइल अलैहिस्सलाम भी सहम गए थे।
जब रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने इसराफील अलैहिस्सलाम को देखा ( When Prophet Muhammad saw angel Israfil AS )
सफर ए मिराज से आने के बाद, नबीये पाक सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने अपना पूरा ज़ोर इबादत पर लगाया और उम्मत को क़यामत के अनक़रीब होने का इल्म दिया। आपने फ़रमाया – अल्लाह सुब्हानवताला के मलायका इसराफील अलैहिस्सलाम ने सूर को अपने मुँह पर लगाया हुआ है और सांसे अंदर की तरफ खींच ली है और हुकुम ए इलाही के इंतज़ार में है। अनक़रीब दुनिया का मुक़र्रर वक़्त ख़त्म कर दिया जायेगा। 1400 साल पहले मिला ये इल्म, जब नबी ने कह दिया था वक़्त पूरा हो चुका है अपने रब को राज़ी करो “There is No Time”
क्या होगा जब सूर फूका जायेगा ( What Will happen when Trumpet will blow )
जब सूर फूका जायेगा , तमाम इंसानो का रुख आती हुई आवाज़ की तरफ होगा। सबसे पहले उस सख्स को ये सदा सुनाई देगी जो अपने ऊंट के पीने के पानी का इंतज़ाम कर रहा होगा। पानी के टैंक को बना रहा होगा । सूर की आवाज़ के असर से उसकी रूह कब्ज़ हो जाएगी और एक एक करके तमाम इंसानो की रूह कब्ज़ कर ली जाएगी। अल्लाह हु अकबर । क़यामत का आना इतना तेज़ होगा की हाथ का निवाला मुँह में जाने से पहले ये तमाम मामला ख़त्म कर दिया जायेगा। अल्लाह हु अकबर।
तो क्या तमाम मखलूक सूर फूकने से मिटा दिए जायेंगे ? अल्लाह सुब्हानवताला ने क़ुरआन में फ़रमाया , दुनिया और जन्नत में मौजूद तमाम मखलूक मिटा दिए जाएंगे सिवाय उनके जिन्हे अल्लाह सुब्हानवताला चाहे जिसका इल्म अल्लाह सुब्हानवताला ने किसी को अता नहीं किया। शायद मलायका या फिर अम्बिया .. अल्लाह बेहतर जानने वाला है।
तमाम मलाइका कोह भी जब मिटा दिया जाएगा ( End of All Angles )
सूर फूकने के बाद जब कायनात को नेस्तो नाबूत कर दिया जाएगा , क़यामत के वक़्त अल्लाह सुब्हानवताला का सवाल मलिकुल मौत से होगा। और पूछा जायेगा कौन बाकी? और मलिकुल मौत अर्श के 4 फ़रिश्तो के नाम लेंगे । अल्लाह सुब्हानवताला के हुकुम से हज़रते जिब्राइल , मिकाइल और फिर इसराफील अलैहिस्सलाम जैसे मखलूक मिटा दिए जाएंगे । आखरी मखलूक , मलिकुल मौत होंगे जिन्हे जर्रा कर दिया जाएगा और फिर तमाम मखलूक मैदान इ हश्र में अल क़ह्हार के सामने खड़े होंगे। अल्लाह हु अकबर।
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