मस्जिद सखरा अराफात जहाँ आखिरी आयत नाज़िल हुई ( Masjid Sakhrah mount Arafat Hindi)
मस्जिद ए सखरा जबल अराफात याने माउंट अराफात में मौजूद वह जगह है जहाँ क़ुरआन की आखिरी आयत नाज़िल हुई और जिसके बाद क़ुरान मुक़म्मल हुआ था। मस्जिद ए सखरा, जब्बल अराफात के सीधे हाथ की तरफ मौजूद है पर अब वह मौजूद मस्जिद को हटा दिया गया है।
आखिरी वही कब नाज़िल हुई थी ? ( When & What was revealed – Masjid Sakhrah mount Arafat Hindi)
तकरीबन ज़ुल हज्ज की 10 तारिख और हिजरी का 10 वा साल था जब रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम पर वही नाज़िल हुई जब आप हज पूरा कर रहे थे। अल्लाह सुब्हानवताला ने सूरह अल बक़रह की आयात 281 नाज़िल की ।
وَٱتَّقُواْ يَوۡمٗا تُرۡجَعُونَ فِيهِ إِلَى ٱللَّهِۖ ثُمَّ تُوَفَّىٰ كُلُّ نَفۡسٖ مَّا كَسَبَتۡ وَهُمۡ لَا يُظۡلَمُونَ
” और उस दिन से डरो जब तुम रब की तरफ लौट जाओगे , तब हर इंसान को उसकी नेकी का बदला दिया जायेगा और किसी के साथ नाइंसाफी न होगी ।”
मस्जिद ए सखरा ( Masjid Sakhrah mount Arafat Hindi )
मस्जिद ए सखरा , माउंट अराफात में मौजूद वह मुक़द्दस जगह है जहां रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम , जुहर और असर की नमाज़ अदा करने के बाद क़िब्ला की और मुँह करके, दिन ढलने तक दुआ करते थे। और इसी जगह पर सूरह बक़रह की आयत 281 नाज़िल हुई ।
यहूदियों में से एक आदमी हज़रते उमर बिन खत्ताब रदिअल्लाहु ताला अन्हु के पास आया और कहा – ” ए अमीरुल मोमिनीन , आपकी किताब में एक आयत है , जो अगर हम यहूदियों पर अगर नाज़िल होती तो हम उस दिन को जश्न ए ईद के तौर पर मनाते।
हज़रते उमर रदिअल्लाहु ताला अन्हु ने पूछा – ” कौन सी आयत ? ”
यहूदी ने जवाब दिया – ” आज मैंने तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन मुक़म्मल कर दिया , तुम पर अपनी नेमत पूरी कर दी और तुम्हारे लिए इस्लाम को तुम्हारा दीन चुन लिया । ”
हज़रते उमर रदिअल्लाहु ताला अन्हु ने फ़रमाया – ” हम उस दिन और उस जगह को जानते है जब यह वही रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम पर नाज़िल हुई थी , यह तब का वक़्त था जब रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम जुमे के दिन अराफात पर खड़े थे। ”
जज़ाकल्लाह खैर।
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