रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम के मुबारक नाम ( The Blessed Names of The Prophet in Hindi )
हज़रते ज़ुबैर बिन मुतईम रदिअल्लाहु ताला अन्हु से रिवायत है –
रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया – मेरे पांच नाम है। मैं मुहम्मद , अहमद और माही हूँ ( याने मिटाने वाला हूँ ) अल्लाह सुब्हानवताला मेरे ज़रिये कुफ्र को मिटाएगा और मैं हाशिर हूँ कि तमाम इंसानो का ( क़यामत के दिन ) मेरे बाद हश्र होगा। और मैं आकिब हूँ यानी ख़ातिमन नबीय्यीन हूँ । मेरे बाद कोई और नबी दुनिया में नहीं आएगा।
(Sahih al Bukhari 3532)
मुहम्मद ( Muhammad – Names of The Prophet )
नाम ए मुहम्मद के मायने है जिसकी बेशुमार तारीफ कि गयी हो या जो बेशुमार तारीफ वाला हो । अल्लाह सुब्हानवताला ने क़ुरआन ए पाक में कई मर्तबा रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम की तारीफ की । पिछली नबूवत के वक़्त भी रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम का जिक्र नबियो ने किया और आपकी शान अपनी उम्मत से बयां की। रोज़ा ए मेहसर के दिन, आपके परचम के नीचे तमाम इंसान होंगे जिसे लिवा अल हम्द कहते है।
आपका नाम आपके दादा हुज़ूर हज़रते अब्द अल मुताल्लिब ने रखा था । अल्लाह सुब्हानवताला ने ये नाम हज़रते अब्द अल मुताल्लिब के दिल में उतार दिया था , ऐसा नाम जो पहले कभी नहीं रखा गया था। आज दुनिया में सबसे मशहूर नाम मुहम्मद है।
अल्लाह सुब्हानवताला ने रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम का नाम मुहम्मद पहली मर्तबा सूरह अल इमरान में पुकारा था। ये आयत तब नाज़िल हुई जब सहाबियों ने नबी की शहादत की अफवाह से अपने हथियार फैक दिए और मायूस हो गए थे।
अहमद ( Ahmad – Names of The Prophet )
रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम को आपकी वालिदा ने भी एक नाम दिया था। अहमद ! अहमद नाम के मायने है जो बेहिसाब रब का शुक्र अदा करे। सरदार ए अम्बिया को जाति तोर पर अपनी वालिदा हज़रते आमिना का दिया नाम बेहद पसंद था। रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया – जब खलीफा हज़रते मेहदी की आमद होगी , तो उनका नाम ए मुबारक भी अहमद होगा।
अल माही ( Al Mahi – Names of The Prophet )
रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम का एक मुबारक नाम अल माही है । अल माही याने मिटाने वाला। जिनके ज़रिये अल्लाह सुब्हानवताला दुनिया से कुफ्र को ख़त्म करेंगे। बेशक अल्लाह सुब्हानवताला ने सरदार ए अम्बिया को अल माही बनाया जिनकी आमद के बाद , जाहेलियत का दौर ख़त्म कर पुरे अरब और फिर दुनिया में दीन फैला दिया गया और क़यामत के पहले तक ग़ालिब होता रहेगा।
अल हाशिर ( Al Hashir – Names of The Prophet )
अल हाशिर के मायने है इक्टठा करने वाला । रोज़ा ए मेहसर के दिन रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम को सबसे आगे होंगे और आपके पीछे तमाम लोग इक्टठा होंगे जो मैदान ए हश्र में रब के सामने खड़े होंगे।
अल आकिब ( Al Aqib – Names of The Prophet )
अल आकिब के मायने होते है आखरी या मुक़म्मल होना। रसूलुल्लाह सल्लाहो अलय्हि वसल्लम को अल्लाह सुब्हानवताला ने आखिरी नबी याने ख़ातिमन नबीय्यीन बनाकर भेजा । आपके बाद और कोई नबी नहीं और क़यामत तक के लिए दुनिया में आने वाले लोग आपकी उम्मत का हिस्सा है।
जज़ाकल्लाह खैर।
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