रबी उल अव्वल 2024 ( Rabi Al Awwal 2024 in Hindi )
मुबारक महीना रबी अल अव्वल , दीन ए इस्लाम की तारीख का एक बेहद खास महीना है । इसी मुबारक महीने में रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम की विलादत हुई थी। इसी महीने आप मक्का से हिजरत का सफर तय करके मदीना पहुंचे थे।
मक्का मुकर्रमा में रॉयल क्लॉक टावर अबरज अल बैत से लाइट का सिग्नल देकर , मुबारक महीने रबी अल अव्वल का इस्तक़बाल किया गया। साल 2024 में ये चाँद के हिसाब से 4 सितम्बर 2024 या 5 सितम्बर 2024 के दिन शुरू होगा। इसी हिसाब से 12 रबी उल अव्वल 2024 और ईद मिलाद उन नबी 2024 , 14 या 15 सितम्बर 2024 को कुछ मुल्को में मनाया जायेगा।
रबी उल अव्वल क्या है ? ( What is Rabi Al Awwal? )
रबी अल अव्वल इस्लामी हिजरी कैलेंडर का तीसरा महीना है जिसके मायने है ” पहली बहार “। रबी अल अव्वल का नाम ऐसा इसलिए रखा गया क्यूँ की रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम के दुनिया में तशरीफ़ लाने से पहले, लोग जहालत और अँधेरे की ज़िन्दगी गुज़ार रहे थे । बुतपरस्ती में मसगूल अलग अलग माबूदों की इबादत करते हुए, अपने अलग अलग कानून बना कर लोगो में जुल्म आम कर रहे थे । अल्लाह सुब्हानवताला के बताये रस्ते से दूर हो चुके थे। जब रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम की विलादत हुई, आप अपने साथ दुनिया में एक रब का फरमान लेकर आये जिसने दुनिया के लोगो के मकसद और सही गलत के फैसले को आसान किया। एक रौशनी या बहार की तरह , एक नयी उम्मीद की तरह। यही वजह है इस माह को रबी अल अव्वल याने ” पहली बहार ” पुकारते है।
रबी उल अव्वल की खास तारीखी मालूमात ( Historical events in month of Rabi Al Awwal )
रबी अल अव्वल के मुबारक महीने में मक्का के क़ुरैश कबीले की बनु हाशिम खानदान में रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम की पैदाइश हुई। आपकी विलादत आपके दादा हज़रते अब्द अल मुताल्लिब के घर में हुई। जिस घर में आपकी विलादत हुई थी , हज़रते अब्द अल मुताल्लिब के उस घर को , उस मुबारक जगह को आज एक लाइब्रेरी में तब्दील कर दिया गया है।
सहीह मुस्लिम की हदीश (Sahih Muslim 1162e) के मुताबिक आपकी पैदाइश का दिन पीर का दिन था। यही वजह थी कि रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम पीर के दिन रोज़ा रखा करते थे। इस मुबारक महीने में दुनिया की तारीख के सबसे अज़ीम शख़्शियत ” सरदार ए अम्बिया ” सल्लाहु अलय्हि वसल्लम तशरीफ़ लाये थे , जिनके लिए अल्लाह सुब्हानवताला ने क़ुरान में सूरह अल अंबिया में फ़रमाया – ” या रसूलुल्लाह , हमने आपको पूरी दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजा है ” ( क़ुरान 21 : 107 )
मशहूर रिवायत है की जब आपकी पैदाइश की खबर अबू लहब को दी गई, तो खानदान में पैदाइश की ख़ुशी में अबू लहब ने खुशखबरी देने वाली अपनी गुलाम सवयबा को ऊँगली का इशारा कर आज़ाद किया था। जिसकी वजह से , पीर के दिन अबू लहब के अज़ाब में नरमी होती है और उसी ऊँगली से वह पानी लेकर अपनी प्यास बुझाता और जहन्नम की आग से थोड़ी निज़ाद पाता है।
रबी अल अव्वल का महीना था जब पहली तारीख को हिजरत का सफर शुरू किया गया और मुसलमान मक्का से मदीना पहुंचे जिसके बाद दीन ए इस्लाम पूरी दुनिया में फैला ।
रबी अल अव्वल की 12 तारीख थी जब रसूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम की वफ़ात हुई याने आप अपने रब की तरफ लौट गए । यही वजह है काफी जगह रबी अल अव्वल की 12 तारीख को बारावफात भी कहते है।
ईद मिलाद उन नबी ( Eid milad un nabi in month of Rabi Al Awwal )
हर साल दुनिया में मौजूद कई इस्लामी मुल्क और दुनिया के कई हिस्सों में मौजूद मुसलमान सूलुल्लाह सल्लाहु अलय्हि वसल्लम की पैदाइश की ख़ुशी में 12 रबी अल अव्वल के दिन ईद मिलाद उन नबी मनाते है । जिसे अब्बासी या फातिमी खिलाफत के वक़्त शुरू किया गया और उस्मानिया खिलाफत के वक़्त से दुनिया भर के कई मुल्को में मनाया जाने लगा ।
जज़ाकल्लाह खैर।
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