सफ़र और नमाज़ – मुसाफ़िर के लिए अहकाम (5 time prayer rule for travellers hindi- Authentic Details)

5 time prayer rule for travellers hindi

सफ़र और नमाज़ – मुसाफ़िर के लिए अहकाम (5 time prayer rule for travellers hindi) इस्लाम में नमाज़ (सलात) की अहमियत हर हाल में क़ायम रहती है – चाहे इंसान अपने घर पर हो या सफ़र (यात्रा) में। लेकिन सफ़र की हालत में नमाज़ अदा करने के कुछ अलग अहकाम (rules) हैं, जिन्हें सलात अल-मुसाफ़िर … Read more

मिराज में आयतों का नुज़ूल (Revealation of last 2 verses of Surah Baqarah – Authentic Details)

Revealation of last 2 verses of Surah Baqarah

मिराज में आयतों का नुज़ूल (Revealation of last 2 verses of Surah Baqarah) इस्लामी इतिहास और क़ुरआन की तफ़्सीर में सूरह अल-बक़रह (आयत 285-286) की बहुत बड़ी अहमियत है। ये दोनों आयतें नबी-ए-करिम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम को इसरा व मिराज की रात अल्लाह तआला की तरफ़ से सीधा तोहफ़े के तौर पर अता … Read more

ईद मिलादुन्नबी 2025 ( Eid Miladun Nabi 2025 – Authentic Details In Hindi )

Eid Miladun Nabi 2025

ईद मिलादुन्नबी 2025 ( Eid Miladun Nabi 2025) ईद मिलादुन्नबी जिसे मौलिदुन्नबी या बारा-वफ़ात भी कहा जाता है, हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम की पैदाइश की याद में मनाई जाती है। तारीख़ी रिवायतों के मुताबिक़, नबी-ए-करीम सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम की पैदाइश सन 570 ईस्वी (आम-उल-फ़ील) में मक्का मुअज़्ज़मा में हुई थी। इस दिन मुसलमान पूरी दुनिया … Read more

उर्दू अल्फ़ाबेट हुरूफ़-ए-तहज्जी ( Urdu Alphabet 38 Letters In Hindi – Authentic Details)

Urdu Alphabet 38 Letters

उर्दू अल्फ़ाबेट हुरूफ़-ए-तहज्जी ( Urdu Alphabet 38 Letters)             उर्दू ज़बान दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत और नफ़ीस ज़बानों में से एक मानी जाती है। इसकी लिखावट फ़ारसी-नस्तलीक़ (Perso-Arabic Script) में होती है और इसमें 38 हरफ़ (letters) शामिल हैं। अगर आप उर्दू सीखना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको इसके … Read more

इस्लामी साल 2025 हिजरी कैलेंडर (1446-1447) ( Islamic Year 2025 Hijri Calendar – Authentic Details)

इस्लामी साल 2025 हिजरी कैलेंडर (1446-1447) ( Islamic Year 2025 Hijri Calendar) इस्लामी साल 2025, हिजरी सन 1446 और 1447 AH पर मुश्तमिल है। चाँद के दिखाई देने पर मबनी ये कैलेंडर मुसलमानों की इबादात, रोज़ा, हज और ईद की बुनियाद है। इस साल बहुत सी अहम तारीख़ें और रूहानी मौके आने वाले हैं जो … Read more

4 खाश सहाबा जो कुरआन के इल्म में माहिर थे (The 4 experts on Quran among the Sahabah – Authentic Details in Hindi)

The 4 experts on Quran among the Sahabah

4 खाश सहाबा जो कुरआन के इल्म में माहिर थे (The 4 experts on Quran among the Sahabah)         इस्लाम की तालीम और हिदायत का सबसे बड़ा ज़रिया कुरआन-ए-हकीम है। हज़रत रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम के सहाबा ( रदियल्लाहुताला अन्हु ) ने कुरआन की तिलावत, हिफ़्ज़, तफ़सीर और तालीम को आगे बढ़ाने … Read more

हज क्या है और हज के तरीके ( 19 steps of Hajj in Hindi – Authentic Details )

19 steps of Hajj in Hindi

हज क्या है और हज के तरीके ( 19 steps of Hajj in Hindi ) हज (Hajj) इस्लाम का पाँचवाँ और सबसे खाश फ़र्ज़ है। यह हर उस मुसलमान पर फ़र्ज़ (अनिवार्य) है जो हैसियत वाला और सेहतयाब हो। हज हर साल इस्लामी कैलेंडर के आख़िरी महीने ज़िलहिज्जा (Dhul Hijjah) में मक्का मुक़र्रमा में अदा … Read more

कौन है अहमदिया कम्युनिटी ? ( 200 mulko me moujud muslim ahmadiya samuday – Authentic Fact based View )

muslim ahmadiya samuday

कौन है अहमदिया कम्युनिटी ? ( muslim ahmadiya samuday ) अहमदिया जमाअत का इतिहास ( muslim ahmadiya samuday ) मुस्लिम अहमदिया जमाअत का आग़ाज़ 1889 में हुआ जब मिर्ज़ा ग़ुलाम अहमद क़ादियानी (1835–1908) ने पंजाब (भारत) के छोटे से क़स्बे क़ादियाँ में इस जमाअत की नींव रखी। उनका दावा था कि वे वही “मसीह मौऊद” … Read more

क़यामत की 10 बड़ी निशानियाँ ( qayamat ki 10 badi nishaniyan – Authentic Details )

qayamat ki 10 badi nishaniyan

क़यामत की 10 बड़ी निशानियाँ ( qayamat ki 10 badi nishaniyan – Authentic Details )             हज़रत हूज़ैफ़ा बिन उसैद अल-ग़िफ़ारी रज़ियल्लाहु अन्हु बयान करते हैं: रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलय्हि वसल्लम ने फ़रमाया: “क़यामत तब तक क़ायम नहीं होगी जब तक तुम उससे पहले दस अलामात न देख लो।”(सह़ीह मुस्लिम, हदीस … Read more

अल वसीला जन्नत का सबसे बुलंद मक़ाम (Al Waseelah in islam Hindi Authentic Details)

Al Waseelah in islam Hindi

अल वसीला जन्नत का सबसे बुलंद मक़ाम (Al Waseelah in islam Hindi Authentic Details) इस्लाम में अल-वसीला का तसव्वुर एक बेहद ख़ास और मुबारक दर्जा है, जिसका ज़िक्र हदीस शरीफ़ में मिलता है। अल-वसीला का लफ़्ज़ अरबी ज़बान से लिया गया है, जिसका मतलब है “करीब होने का ज़रिया” या “सर्वोच्च मक़ाम”। उलमा के मुताब़िक़, यह … Read more